नई दिल्ली : देश में क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए भारत ने मंगलवार को दुनिया की पहली एथनॉल से चलने वाली इनोवा कार (Ethanol Car) लांच की। टोयोटा की यह एमपीवी (MPV) कार पूरी तरह एथनॉल के ईंधन से चलती है। लांचिंग के दौरान केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी व केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी उपस्थिर रहे। इसके साथ ही भारत ने ऐसा करके नया कीर्तिमान भी बना दिया है ।
विदित हो कि अगस्त के पहले सप्ताह में ही गडकरी ने कहा था कि वह जल्द ही इलेक्ट्रिक फ्लेक्स-फ्यूल टोयोटा इनोवा को लांच करें, जो पूरी तरह एथनॉल के इस्तेमाल से चलेगी। यह दुनिया का पहला बीएस-6 (स्टेज 2) का प्रोटोटाइप है, जो इलेक्ट्रिफाइड फ्लेक्स फ्यूल इंजन पर आधारित है। टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने अपनी इनोवा कार में पहली बार इस तरह का इंजन इस्तेमाल किया है। लांचिंग के दौरान टोयोटा के एमडी व सीईओ मसाकाजू योशिमूरा और किर्लोसकर की एमडी व सीईओ गीतांजलि किर्लोस्कर आदि मौजूद थे।
पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता घटाने की तैयारी:
एथनॉल आधारित इंजन वाली गाडि़यां लांच का करने का उद्देश्य पेट्रोलियम उत्पादों पर भारत की निर्भरता घटाना है। सरकार की पॉलिसी है कि पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर निर्भरता घटाने के लिए गाडि़यों को फ्लेक्सी फ्यूल वाले इंजन की ओर ले जाया जाए। इससे पहले गडकरी ने पिछले साल टोयोटा की मिराई ईवी लांच की थी, जो पूरी तरह हाईड्रोजन जेनरेटेड इलेक्ट्रीसिटी पर चलती है। लांचिंग के दौरान केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि यह भारत के लिए ऑटोमोबाइल सेक्टर में एक और मील का पत्थर साबित होगा।
जानें कैसा है Ethanol Car का इंजन:
Ethanol Car का इंजन इनोवा हाईक्रॉस पर आधारित है, जिसमें भारत के कार्बन उत्सर्जन स्टैंडर्ड का सख्ती से पालन किया गया है। अभी यह कार प्रोटोटाइप फॉर्म में आई है, जिसे जल्द ही बाजार में उतारने की तैयारियां जोरों पर हैं। एथनॉल आधारित गाडि़यों का निर्माण न सिर्फ कार्बन उत्सर्जन को घटाएगा, बल्कि भारत पर आयात का बोझ भी कम करेगा। इसका फायदा सीधे तौर पर किसानों को होगा, जिनकी कमाई दोगुनी करने का लक्ष्य है।
ऐसे बनता है एथेनॉल:
अगर एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है, जो स्टार्च और शुगर के फर्मेंटेशन से बनाया जाता है। इसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में इको-फ्रैंडली फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है। एथेनॉल का उत्पादन मुख्य रूप से गन्ने के रस से होता है, लेकिन स्टार्च कॉन्टेनिंग मटेरियल्स जैसे मक्का, सड़े आलू, कसावा और सड़ी सब्जियों से भी एथेनॉल तैयार किया जा सकता है।
करीब 40 प्रतिशत खर्च हो जाएगा कम :
एथेनॉल फ्यूल का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह प्रेट्रोस करीब 40 प्रतिशत कम दाम पर मिलता है। देश में एथेनॉल अभी 60 रुपए प्रति लीटर के आसपास है। नितिन गडकरी ने कह चुके हैं कि लॉन्च होने वाली कार 15 से 20 kmpl का माइलेज दे सकती है। इससे यह पेट्रोल की तुलना में कहीं अधिक किफायती है, जो अभी लगभग 100 प्रति लीटर के करीब मिल रहा है।