अयोध्या: राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ को लेकर अयोध्या में धूमधाम से तैयारियां चल रही हैं। 11 से 13 जनवरी तक आयोजित होने वाले इस भव्य उत्सव में लाखों भक्त शामिल होंगे और पूरे शहर में धार्मिक माहौल का अनुभव करेंगे। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम में न केवल भक्तों के लिए द्वार खुले होंगे, बल्कि उन लोगों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है, जो पिछले साल के ऐतिहासिक समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे।
कार्यक्रम की खास विशेषताएं
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी कि इस साल के उत्सव में 110 वीआईपी मेहमानों को आमंत्रित किया गया है। इनमें से कई लोग बीते साल 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे। अयोध्या के अंगद टीला स्थल पर एक जर्मन हैंगर टेंट लगाया गया है, जिसमें 5,000 लोग एक साथ बैठ सकते हैं।
इस तीन दिवसीय उत्सव में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां प्रमुख रहेंगी। आयोजनों में मंडप और यज्ञशाला में शास्त्रीय सांस्कृतिक प्रदर्शन होंगे, साथ ही रोजाना अनुष्ठान और रामकथा प्रवचन का आयोजन किया जाएगा। समारोह में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुबह-सुबह प्रसाद वितरण की भी व्यवस्था की जाएगी।
मुख्य कार्यक्रम और उत्सव स्थल
राम मंदिर में हर दिन दोपहर 2 बजे से रामकथा सत्र शुरू होंगे, जिसके बाद रामचरितमानस (मानस प्रवचन) पर प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही यज्ञ स्थल पर भी भव्य सजावट और उत्सव की पूरी तैयारी की गई है। मंडप और यज्ञशाला उत्सव के केंद्रबिंदु होंगे।
रामलला का अभिषेक और धार्मिक महत्व
इससे पहले 5 जनवरी को एक सरकारी प्रेस नोट में बताया गया था कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 जनवरी को मंदिर में रामलला का अभिषेक करेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने यह भी कहा कि इस दिन अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर की स्थापना का एक वर्ष पूरा हो रहा है, और ट्रस्ट ने इस अवसर पर देशभर के संतों और भक्तों को निमंत्रण भेजा है। उन्होंने अयोध्या के लोगों और तीर्थयात्रियों से समारोह में भाग लेने का आग्रह किया है।
22 जनवरी को हुई थी प्राण प्रतिष्ठा, 11 को मनाई जाएगी वर्षगांठ
वर्ष 2024 के 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी, जिसे लाखों भक्तों ने देखा था और यह एक ऐतिहासिक क्षण बन गया। उस दिन अयोध्या में मंदिर में रामलला की मूर्ति की स्थापना ने पूरे देश को धार्मिक रूप से एक नए अध्याय से जोड़ा। इस बार प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ का उत्सव 22 जनवरी को नहीं, बल्कि 11 जनवरी को मनाया जाएगा। यह परिवर्तन पंचांग के अनुसार हुआ है, क्योंकि बीते साल 22 जनवरी को पौष शुक्ल द्वादशी की तिथि थी, जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। इस साल इस तिथि का संयोग 11 जनवरी को बन रहा है, इसलिए यह उत्सव उसी दिन मनाया जाएगा।
उत्सव का आध्यात्मिक अनुभव
अयोध्या में इस उत्सव का आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक अनुभव भी होगा। श्रद्धालु और पर्यटक यहां आकर राम के पवित्र स्थान की महिमा का अनुभव करेंगे। यह उत्सव न केवल अयोध्या, बल्कि पूरे देश में एक धार्मिक जागृति का प्रतीक बन चुका है।