गिरिडीह : झारखंड के गिरिडीह जिले के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। पिछले ढाई वर्षों से बंद पड़ी सीसीएल की गिरिडीह कोलियरी के ओपन कास्ट माइंस से कोयला उत्पादन एक बार फिर शुरू होने की संभावना है। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस परियोजना को CTE (कन्सेंट टू इस्टैब्लिश) की स्वीकृति प्रदान कर दी है। अब CTO (कन्सेंट टू ऑपरेट) के लिए प्रक्रिया चल रही है, जिसके जुलाई में पूर्ण होने की संभावना है।
Giridih Mines News : सितंबर से शुरू हो सकता है कोयला उत्पादन
सीसीएल की गिरिडीह कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी गोपाल सिंह मीणा ने बताया कि जुलाई में सीटीओ की स्वीकृति मिलने के बाद आवश्यक तैयारियों के साथ सितंबर या अक्टूबर 2025 से कोयला उत्पादन शुरू किया जा सकता है। इससे न सिर्फ स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
10 लाख टन ओबी और 7 लाख टन कोयले का होगा उत्पादन
पीओ गोपाल सिंह मीणा के अनुसार, माइंस के शुरू होते ही आउटसोर्सिंग के माध्यम से 10 लाख टन ओबी (ओवरबर्डन) और 7 लाख टन कोयले का उत्पादन किया जाएगा। इस कार्य में लगभग 130 मैनपावर की आवश्यकता होगी, जो आउटसोर्सिंग एजेंसी से उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही, रोड सेल व्यवस्था के चलते स्थानीय व्यवसायियों, ट्रक मालिकों, चालकों और मजदूरों को प्रत्यक्ष आर्थिक लाभ मिलेगा।
Giridih Mines News : सैकड़ों लोगों को मिलेगा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार
कोयला खनन कार्य शुरू होने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा। ट्रक चालकों, खलासियों, कोयला लोडिंग मजदूरों, दुकानदारों और स्थानीय व्यापारियों के लिए यह अवसर राहत लेकर आया है।
उत्पादन शुरू कराने में जनप्रतिनिधियों का रहा अहम योगदान
सीसीएल गिरिडीह कोलियरी के ओपन कास्ट माइंस को पुनः चालू कराने के लिए गिरिडीह विधायक एवं खेल मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, राज्यसभा सांसद सरफराज अहमद और गांडेय विधायक कल्पना सोरेन द्वारा निरंतर प्रयास किए गए। इन जनप्रतिनिधियों की पहल पर जिला स्तर पर उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसके बाद माइंस को पर्यावरणीय स्वीकृति (CTE) प्राप्त हुई।
मजदूर संगठनों ने जताई संतुष्टि
राष्ट्रीय कोलियरी मजदूर संघ (इंटक) के अध्यक्ष ऋषिकेश मिश्रा और झारखंड कोलियरी मजदूर यूनियन के क्षेत्रीय अध्यक्ष हरगौरी साहू ने बताया कि माइंस बंद होने से सीसीएल कर्मियों को स्थानांतरण का सामना करना पड़ा और कई स्थानीय लोग पलायन को मजबूर हो गए। अब माइंस दोबारा शुरू होने की उम्मीद से लोगों में खुशी है।
Giridih Mines News : माइंस से जुड़ी है हजारों लोगों की आजीविका
गिरिडीह कोलियरी के ओपन कास्ट माइंस क्षेत्र से हजारों स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है। कोयला खनन, ट्रांसपोर्ट, कोयला लोडिंग, खुदरा बिक्री, चाय-नाश्ते की दुकानों तक कई आर्थिक गतिविधियाँ इससे प्रभावित होती हैं। माइंस के बंद होने से स्थानीय स्तर पर बेरोजगारी बढ़ गई थी, जिससे कई परिवारों को दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ा।