RANCHI (JHARKHAND): ऐतिहासिक जगन्नाथपुर मंदिर में गुरुवार को भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा का नेत्रदान किया गया। इस दौरान नेत्रदान के बाद भगवान ने भक्तों को दर्शन दिए। यह अवसर हर वर्ष केवल एक बार आता है जब भगवान एकांतवास के बाद भक्तों के समक्ष सजीव प्रतीक के रूप में प्रकट होते हैं। मंदिर समिति के अनुसार 11 जून को देव स्नान पूर्णिमा के बाद भगवान एकांतवास में चले गए थे। इस दौरान उन्हें ‘अस्वस्थ’ माना जाता है और किसी को दर्शन नहीं देते। लेकिन नेत्रदान के दिन विशेष पूजा और अनुष्ठानों के बाद भगवान भक्तों के लिए सुलभ हो जाते हैं। इस दिन को अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। नेत्रदान के पश्चात भगवान दर्शन मंडप में विश्राम करेंगे, जहां विशेष सजावट, दीप प्रज्ज्वलन और कीर्तन की व्यवस्था की गई है।
यात्रा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचते है। ऐसे में भीड़ को देखते हुए सुरक्षा को लेकर रांची जिला प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा स्वयं मॉनिटरिंग कर रहे हैं। मंदिर परिसर और रथ यात्रा मार्ग पर सीसीटीवी कैमरे, वॉच टावर, मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं। साथ ही, पुलिस बल, दंडाधिकारी, महिला सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं। भीड़ नियंत्रण हेतु बैरिकेडिंग, अनाउंसमेंट सिस्टम और समुचित पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
भक्तों की सुविधाओं का ख्याल
महिला श्रद्धालुओं और बुजुर्गों के लिए अलग कतारें, विश्राम स्थल और हेल्प डेस्क बनाए गए हैं। स्वास्थ्यकर्मी, एम्बुलेंस और पेयजल की व्यवस्था भी की गई है। स्थानीय स्वयंसेवी संस्थाएं प्रशासन का सहयोग कर रही हैं। वहीं नगर निगम की ओर से मोबाइल टॉयलेट और पानी के टैंकर लगाए गए है। इसके अलावा मेला परिसर में डस्टबिन के भी इंतजाम किए गए है। वहीं सफाई और छिड़काव कराने का निर्देश भी दिया गया है। नेत्रदान अनुष्ठान को लेकर पूरे रांची में उत्सव का माहौल है। मंदिर परिसर को पारंपरिक झांकियों और फूलों से सजाया गया है। वहीं मेले में बंगाल, ओडिशा और अन्य राज्यों से भी दुकानदार आए है। भक्तों का विश्वास है कि भगवान की पहली झलक उनके जीवन में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।
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