Home » Exclusive… चोरों के लिए सेफ जोन बना झारखंड, 10 माह में सामने आए 10399 केस

Exclusive… चोरों के लिए सेफ जोन बना झारखंड, 10 माह में सामने आए 10399 केस

by Suhaib
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

रांची : वजह चाहे जो भी हो। पुलिस की सुस्त कार्यशैली, पुलिस पर ही सेंधमारी या कुछ और। चोरों के लिए झारखंड सेफ जोन बनता जा रहा है। चोरी की लगातार बढ़ते आंकड़े इस बात की गवाही दे रहे हैं। चोरी छुपे तो दूर की बात, यहां दिन के उजाले में भी चोर सेंध लगा दे रहे हैं। हर दिन चोरी की घटनाएं सामने आ रही हैं।

यह पुलिस की गश्ती पर सवाल बनता जा रहा है। राज्य के हर इलाके में रात में भी गश्ती करने का निर्देश है। पुलिस के पास हाईटेक संसाधन भी हैं। शहर के हर मुख्य रोड, हर चौक-चौराहा, यहां तक कि कई गली-मुहल्ले भी तीसरी आंख की नजर में हैं। बावजूद इसके, पुलिस चोरी की घटनाओं पर लगाम नहीं लग पा रही है।

अब यह स्थिति एक गंभीर समस्या बन गई है। झारखंड में पिछले 10 महीनों के दौरान चोरी और गृहभेदन के 10399 मामले सामने आए। मतलब हर दिन 35 चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। जनवरी से लेकर अक्टूबर 2024 तक चोरी के 8660 मामले दर्ज किए गए। वहीं गृहभेदन के 1739 मामले सामने आए। ये आंकड़े स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एससीआरबी) ने जारी किए हैं।

चोरी की घटनांए

जनवरी : 938
फरवरी : 935
मार्च : 871
अप्रैल : 796
मई : 822
जून : 896
जुलाई : 757
अगस्त : 831
सितंबर : 968
अक्टूबर : 846
कुल : 8660

गृहभेदन की घटनांए

जनवरी : 165
फरवरी : 173
मार्च : 216
अप्रैल : 133
मई : 139
जून : 176
जुलाई : 182
अगस्त : 189
सितंबर : 196
अक्टूबर : 170
कुल : 1739

कहीं बंद घर को निशाना बना रहे, तो कहीं दिनदहाड़े बाइक उड़ा रहे चोर

झारखंड में चोरों के हौसले बुलंद हैं। राज्य के विभिन्न जिलों में चोरी की घटनाएं आम हो गई हैं। रांची, जमशेदपुर, धनबाद और गिरिडीह जैसे शहरों में चोरी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। दिनदहाड़े चोरी हो रही है। रात में लोगों के घरों को चोर निशाना बना रहे हैं। रेकी कर ऐसे घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।

घर बंद कर लोग छुट्टी में, शादी में, किसी के अंतिम संस्कार में या कई अन्य कारणों से बाहर जाते हैं। ऐसे घरों की पहचान में चारों का गिरोह जुटा रहता है। फिर इसकी रेकी करते हैं। सही समय पाकर घर का ताला तोड़ कीमती समान सहित नकद पर हाथ साफ कर देते हैं। भीड़भाड़ वाले इलाके में पॉकेट मार लेते हैं। दिनदहाड़े बाइक और कार की भी चोरी हो रही है। पुलिस के पास हाई टेक्नोलॉजी संसाधन के बावजूद चोर घटनाओं को अंजाम देकर खुलेआम घूम रहे हैं।

पुलिस इनको पकड़ने में विफल साबित हो रही है। हालांकि, कई मामलों में पुलिस चोरों को गिरफ्तार भी कर रही है। गिरोह के सरगना को दबोचा जा रहा है। फिर भी घटनाओं पर लगाम नहीं लग रही है। कुछ मामलों का खुलासा कर पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है। अलग-अलग पैंतरे अपनाकर चोर पुलिस को छकाने में लगे हैं। चोरी और गृहभेदन की बढ़ती घटनाएं न केवल लोगों की सुरक्षा को खतरे में डाल रही हैं, बल्कि आर्थिक नुकसान भी पहुंचा रही हैं।

सितंबर 2024 में सर्वाधिक चोरी की घटनाएं

चोरी की सबसे ज्यादा घटनाएं सितंबर 2024 में हुई। इस महीने 968 घटनाओं को अंजाम दिया गया। वहीं जुलाई में सबसे कम घटनाएं सामने आईं। इस महीने 757 वारदात को चोरों ने अंजाम दिया। इधर, गृहभेदन के सबसे ज्यादा केस मार्च में दर्ज किए गए। इस महीने 216 मामले सामने आए। अप्रैल में थोड़ी कम घटनाएं हुईं। इस महीने 133 घटनाओं को चोरों ने अंजाम दिया।

Read Also- Hardoi News : स्टेट बैंक में चूहों की करतूत से आधी रात में बजा इमरजेंसी अलार्म, पुलिस की उड़ी नींद

Related Articles