रांची / जमशेदपुर : ईद और सरहुल के त्योहारों के मद्देनज़र झारखंड राज्य में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। राज्य भर में खासकर राजधानी रांची में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा, और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाएगा। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए राज्य के विभिन्न जिलों में 4533 अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा। विशेष रूप से हजारीबाग, गिरीडीह, जमशेदपुर और रांची में चौकसी बढ़ाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन जिलों में रैप (Rapid Action Force) की तैनाती भी की जाएगी। यह सुरक्षा व्यवस्था 29 मार्च से 2 अप्रैल तक प्रभावी रहेगी।
विशेष ध्यान देने वाले जिले
राज्य के जिन जिलों में पूर्व में सांप्रदायिक घटनाएं हुई हैं, वहां विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है। पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार, इन जिलों में पुलिस बल को पूरी तरह से सजग रखा जाएगा और रैप की तैनाती भी सुनिश्चित की जाएगी। सुरक्षा और विधि-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है।
पुलिस कर्मियों की तैनाती और सुरक्षा उपकरण
डीजीपी के आदेश पर, आईजी अभियान ने शुक्रवार को आदेश जारी कर यह सुनिश्चित किया कि पुलिस कर्मियों को सुरक्षा उपकरणों के साथ तैनात किया जाएगा। आईजी अभियान और पुलिस प्रवक्ता एवी होमकर ने बताया कि पूरे राज्य में ईद और सरहुल के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए व्यापक सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। सभी जिलों में पुलिस बल की पर्याप्त संख्या तैनात की गई है।
सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने निर्देश दिया कि सोशल मीडिया पर कोई भी सांप्रदायिक उपद्रव फैलाने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सीसीए (कोल्ड किट्स एक्ट) के तहत अपराधियों को चिन्हित किया जाएगा और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इसके अलावा, एनएसए (National Security Act) और सीसीए के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया पर पुलिस कड़ी निगरानी रखेगी और यदि कोई अफवाह फैलाने की कोशिश करेगा, तो तुरंत उसका सत्यापन किया जाएगा।
डीजीपी ने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर झूठी जानकारी फैलाने वाले असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि झारखंड पुलिस के पास ऐसे सभी तकनीकी साधन मौजूद हैं, जिनसे फेक आईडी बनाकर सांप्रदायिक तनाव फैलाने वालों की पहचान की जा सकती है। डिजिटल फुटप्रिंट के जरिए किसी भी अपराधी को पकड़ना अब बहुत आसान है।
सोशल मीडिया पर असामाजिक तत्वों के लिए चेतावनी
डीजीपी ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर कोई यह सोचता है कि सोशल मीडिया पर जहर फैलाकर वह बच जाएगा, तो यह उसकी भूल होगी। झारखंड पुलिस के पास उन असामाजिक तत्वों को पकड़ने के लिए जरूरी सभी तकनीकी साधन मौजूद हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सीजीएल परीक्षा के आरोपितों को डिजिटल फुटप्रिंट के माध्यम से ही पकड़ा गया था, और इसी तरह सोशल मीडिया पर गलत जानकारी फैलाने वालों को भी जल्द ही पकड़ा जाएगा।