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Jamshedpur Flood : बयांगबिल और खरकई डैम के गेट खुले, स्वर्णरेखा-खरकई खतरे से ऊपर, 500 से अधिक मकान डूबे

खरकई लाल निशान से 5.05 मीटर ऊपर बह रही है, स्वर्ण रेखा लाल निशान से 2.63 मीटर तक पहुंच गई है

by Mujtaba Haider Rizvi
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जमशेदपुर, झारखंड: ओडिशा स्थित बयांगबिल और खरकई डैम के दो -दो डैम खोले गए हैं। इन डैमों से पानी छोड़े जाने के बाद पूर्वी सिंहभूम जिले के नदी तटीय इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर होती जा रही है। गुरुवार शाम 8 बजे तक मिली अपडेट के अनुसार, स्वर्णरेखा और खरकई नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिससे शहर के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं।

स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर मानगो पुल क्षेत्र में 123.86 मीटर पहुंच गया है, जबकि इसका खतरे का स्तर 121.50 मीटर है। वहीं, खरकई नदी आदित्यपुर पुल क्षेत्र में 134.05 मीटर पर बह रही है, जबकि इसका खतरे का निशान 129 मीटर है।

बागबेड़ा क्षेत्र में स्थिति सबसे गंभीर बनी हुई है। यहां के नया बस्ती इलाके में 200 से अधिक मकान बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। सिद्धू कानू बस्ती के 13 मकानों में पानी घुस गया है। बाबा कुटी, सीपी टोला, प्रधान टोला, हरहर गुड्डू, शिवनगर, गणेश नगर और राधाकृष्ण मंदिर के निचले इलाकों में भी पानी तेजी से फैल रहा है। अब तक बागबेड़ा क्षेत्र में करीब 350 से अधिक मकान प्रभावित हो चुके हैं।

स्थानीय समाजसेवी सुबोध झा ने प्रशासन से अपील की है कि राहत कार्य में तेजी लाई जाए। उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए सूखा राशन, भोजन और स्वच्छ पेयजल की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है। साथ ही शहर के सभी समाजसेवियों से भी आग्रह किया है कि वे अपने स्तर से प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री उपलब्ध कराएं और सेवा भाव से आगे आएं। मानगो, शास्त्री नगर और जुगसलाई इलाके में भी मकानों के डूबने की सूचना है।

प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें, सुरक्षित स्थानों पर जाएं और स्वयं भी स्थिति की निगरानी करें।

बारिश के दौरान क्या करें / क्या न करें

सुरक्षात्मक कपड़े पहनें और घर के अंदर आश्रय लें। भारी बारिश और तेज हवाओं के दौरान खिड़कियों और दरवाजों से दूर रहें।तूफान के दौरान संवेदनशील इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को बिजली के तीव्र प्रवाह से बचाने के लिए उनका प्लग निकाल दें। नदी, नालों, सड़क के अंडरपास, जल निकासी खाइयों, निचले इलाकों और उन क्षेत्रों से बचें जहां पानी इकट्ठा होता है। वहां अप्रत्याशित रूप से बाढ़ आ सकती है या पानी ओवरफ्लो हो सकता है।

खराब दृश्यता के कारण भारी बारिश में गाड़ी चलाने से बचें। यदि संभव हो तो, अपनी गाड़ी पार्क करें और तब तक प्रतीक्षा करें जब तक बारिश धीमी न हो जाए या रुक न जाए, उसके बाद ही अपनी यात्रा जारी रखें। बाढ़ वाली सड़क पर गाड़ी चलाने की कोशिश न करें। पानी दिखने से ज्यादा गहरा और तेज हो सकता है और उसमें मलबा, नुकीली या खतरनाक चीजें, गड्ढे या बिजली के तार हो सकते हैं।तेज बहाव या बाढ़ के पानी में फंसने पर वाहन अस्थिर हो सकते हैं या बह भी सकते हैं। वाहन को विस्थापित करने के लिए बस कुछ इंच पानी ही काफी होता है।

बिजली की लाइनों या विद्युत तारों से दूर रहें। यदि आपको कोई बिजली का तार टूटा हुआ दिखाई दे तो वहां से दूर रहें और इसकी सूचना तुरंत जिला प्रशासन के पदाधिकारियों को दें। घर के अन्दर जेनरेटर का उपयोग न करें। जेनरेटर से कार्बन मोनोऑक्साइड उत्पन्न होती है, जो घातक हो सकती है। बाढ़ का पानी दूषित हो सकता है और उसमें मलबा या तेज बहाव जैसे खतरे छिपे हो सकते हैं। बाढ़ के पानी में तैराकी न करें। संभावित खतरों के कारण बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में मनोरंजक गतिविधियों से बचें। स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों को नजरअंदाज न करें। स्वच्छ पानी पिएं, सड़क पर बिकने वाले खाद्य पदार्थों से बचें और मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए सावधानी बरतें।अचानक बाढ़ की चेतावनी एवं अलर्ट तथा मौसम चेतावनियों की जानकारी रखें।

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