Ranchi (Jharkhand) : निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने की प्रवृत्ति पर झारखंड पैरेंट्स एसोसिएशन ने कड़ा ऐतराज जताया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय राय ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह दिल्ली की तर्ज पर झारखंड में भी एक पारदर्शी और सशक्त फीस नियंत्रण कानून बनाए, जिससे अभिभावकों पर बढ़ रहे आर्थिक बोझ को कम किया जा सके।
दिल्ली सरकार के अध्यादेश का किया स्वागत
अजय राय ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा 1 अप्रैल 2025 से लागू ‘दिल्ली स्कूल एजुकेशन (ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन ऑफ फी) ऑर्डिनेंस’ एक ऐतिहासिक और जनहितैषी निर्णय है। इस अध्यादेश के तहत बिना स्वीकृति फीस वृद्धि करने पर स्कूलों पर जुर्माना, शुल्क वापसी और समितियों की भागीदारी जैसे प्रावधान किए गए हैं।
झारखंड सरकार पर जनदबाव बनाने की तैयारी
एसोसिएशन अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि अगर झारखंड सरकार जल्द इस तरह का कानून लागू नहीं करती है तो संगठन राज्यव्यापी आंदोलन छेड़ेगा। आगामी मानसून सत्र में संगठन विधायकों और मंत्रियों को ज्ञापन सौंपकर राजनीतिक स्तर पर जनदबाव बनाने की योजना भी बना रहा है।
फीस के नाम पर अभिभावकों की जेब पर वार
अजय राय ने कहा कि झारखंड में वर्षों से निजी स्कूलों द्वारा फीस के नाम पर शोषण किया जा रहा है। प्रवेश शुल्क, मासिक शुल्क, वार्षिक शुल्क, फंड और अन्य चार्जेस के नाम पर बेतहाशा बढ़ोतरी की जा रही है, जिससे मध्यम और निम्न आय वर्ग के माता-पिता बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
फीस नियंत्रण कानून : पारदर्शिता और जवाबदेही का मॉडल
दिल्ली सरकार का नया कानून स्कूलों को जवाबदेह और पारदर्शी व्यवस्था के दायरे में लाने की पहल है। इसमें फीस बढ़ाने से पहले सरकार से पूर्व स्वीकृति लेना अनिवार्य किया गया है। यह मॉडल झारखंड जैसे राज्यों में भी सुव्यवस्थित शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।