रांची: झारखंड में JSSC-CGL परीक्षा पेपर लीक मामले की जांच अब अंतिम चरण में है। पिछले साल हुई इस हाई-प्रोफाइल परीक्षा घोटाले की जांच कर रही CID ने झारखंड हाईकोर्ट को सूचित किया है कि एजेंसी जल्द ही इस केस में अपनी जांच पूरी कर लेगी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान यह अहम जानकारी सामने आई है।
अब तक की जांच में क्या हुआ
सीआईडी ने अब तक इस पेपर लीक केस में दो चार्जशीट दाखिल की है। पहली चार्जशीट गौरव कुमार और अभिलाष कुमार के खिलाफ दायर की गई है। इन दोनों पर सीजीएल परीक्षा में धांधली के आरोप लगे हैं।
दूसरी चार्जशीट में कई आरोपियों के नाम शामिल किए गए हैं, जिनमें संदीप त्रिपाठी, मनोज कुमार, आईआरबी का निलंबित जवान कुंदन कुमार, रामनिवास राय (एजेंट के रूप में सक्रिय), निवास राय (रामनिवास का भाई), कविराज उर्फ मोटू (रामनिवास का भतीजा), रॉबिन कुमार, अखिलेश कुमार, विवेक रंजन, कौशलेंद्र उर्फ राहुल कुमार, कृष्णा स्नेही शामिल हैं।
मास्टरमाइंड की तलाश जारी
चार्जशीट में जिनके नाम हैं, उनके खिलाफ प्रश्नपत्र लीक कर परीक्षा में हेराफेरी करने और आर्थिक लाभ उठाने के गंभीर आरोप लगे हैं। सीआईडी फिलहाल इस बात की गहन जांच कर रही है कि इस पूरे पेपर लीक नेटवर्क का मुख्य मास्टरमाइंड कौन था।
2023 में हुई थी JSSC-CGL परीक्षा
21 और 22 सितंबर 2023 को राज्यभर में JSSC-CGL परीक्षा तीन पालियों में आयोजित की गई थी। उसी दौरान यह मामला सामने आया, जिसमें यह आरोप लगे कि कुछ उम्मीदवारों को धोखा देकर, दिग्भ्रमित कर उनसे पैसे लेकर प्रश्नपत्र मुहैया कराए गए। इस घोटाले ने झारखंड की परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए थे।
केस के नतीजे पर टिकीं निगाहें
अब जब CID की जांच अपने अंतिम चरण में है, राज्य के हजारों युवाओं की निगाहें इस केस के नतीजे पर टिकी हैं। पेपर लीक जैसी घटनाएं न केवल प्रतिभावान छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करती हैं, बल्कि पूरे सिस्टम की विश्वसनीयता पर भी असर डालती हैं।
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