खूंटी : झारखंड के खूंटी जिले में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। शुक्रवार रात हुई मूसलाधार बारिश में दो नदियों पर बने अस्थायी डायवर्सन बह गए, जबकि रनिया प्रखंड में एकमात्र पुलिया टूटने से कई गांवों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया। इससे स्कूली छात्रों, किसानों और आम लोगों की परेशानी बढ़ गई है।
बनई नदी पर बना डायवर्सन बहा
19 जून को खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग पर पेलोल गांव के पास बनई नदी पर बना पुल टूट गया था। श्रावणी मेला को देखते हुए एसकेएस कंस्ट्रक्शन कंपनी ने आनन-फानन में अस्थायी डायवर्सन तैयार किया था, लेकिन शुक्रवार रात हुई भारी बारिश में यह भी बह गया स्थानीय भाजपा नेता मनोज कुमार ने बताया कि बारिश के बीच तैयार किया गया कच्चा डायवर्सन अब पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि बरसात में स्थायी डायवर्सन बनाना संभव नहीं है।
Khunti Rain Havoc : छाता नदी पर बना डायवर्सन तीसरी बार टूटा
खूंटी-सिमडेगा मुख्य मार्ग से डोड़मा-गोविंदपुर सड़क पथ पर छाता नदी पर बना डायवर्सन इस बरसात में तीसरी बार बह गया। इसके टूटने से डोड़मा, जम्हार, गोविंदपुर और गोविंदपुर रोड रेलवे स्टेशन का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है करीब 100 से अधिक गांव प्रभावित हो रहे हैं। लोग जान जोखिम में डालकर मोटरसाइकिल और साइकिल को धक्का देकर पार कर रहे हैं, जबकि चारपहिया वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप है। वैकल्पिक रास्तों से लोगों को 8-10 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है। पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता रामेश्वर साह ने बताया कि अत्यधिक जलस्तर और तेज बहाव के कारण डायवर्सन से 5-6 फीट ऊपर पानी बह रहा था। जलस्तर कम होने के बाद मरम्मत का कार्य शुरू किया जाएगा।
Khunti Rain Havoc : खूंटी-चाईबासा-सिमडेगा को जोड़ने वाली पुलिया टूटी
रनिया प्रखंड के खटखुरा पंचायत के जरागुट्ट गांव के पास बनी एकमात्र पुलिया भारी बारिश में ध्वस्त हो गई। यह पुलिया खूंटी, चाईबासा और सिमडेगा को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण मार्ग पर स्थित थी। इसके टूटने से 30 से अधिक गांवों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि पुलिया के टूटने से बच्चों की पढ़ाई, मरीजों का अस्पताल तक पहुंचना और जरूरी सामान की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
बारिश से ध्वस्त हुई सड़क और डायवर्सन ने बढ़ाई मुश्किलें
लगातार बारिश ने खूंटी, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम जिलों को जोड़ने वाले मार्गों की स्थिति बेहद खराब कर दी है। जलनिकासी प्रणाली ध्वस्त हो चुकी है, जिससे ग्रामीण इलाकों में आवागमन पूरी तरह ठप है।