Ranchi : झारखंड की राजधानी रांची में चेक बाउंस मामले को लेकर एक अहम फैसला सामने आया है। अपर न्यायायुक्त एके तिवारी की अदालत ने कांके थाना क्षेत्र के रहने वाले लालू की अपील को खारिज कर दिया है। अदालत ने निचली अदालत द्वारा सुनाई गई छह महीने की साधारण कारावास की सजा और जुर्माना को भी यथावत रखते हुए सख्त रुख अपनाया है।
यह मामला वर्ष 2022 का है, जब लालू ने शिकायतकर्ता मनोज कुमार सिंह को ढाई लाख रुपये (2,50,000) का चेक सौंपा था। यह चेक पंजाब नेशनल बैंक, एचईसी शाखा, धुर्वा से जारी किया गया था। शिकायतकर्ता ने चेक को 14 सितंबर 2022 को बैंक में जमा किया, लेकिन अगले ही दिन 15 सितंबर को वह चेक खाते में अपर्याप्त राशि के चलते बाउंस हो गया। इसके बाद 22 सितंबर को कानूनी नोटिस भेजा गया, लेकिन लालू की ओर से कोई जवाब नहीं आया।
इसी मामले में 4 सितंबर 2024 को न्यायिक दंडाधिकारी एकता सक्सेना ने लालू को दोषी ठहराते हुए छह महीने की सजा सुनाई थी। साथ ही अदालत ने 3.5 लाख रुपये का मुआवजा और 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इस निर्णय के खिलाफ आरोपी लालू ने अपर न्यायायुक्त की अदालत में अपील दायर की थी।
बुधवार को आए फैसले में अदालत ने न सिर्फ अपील को खारिज कर दिया, बल्कि लालू को मिली जमानत भी रद्द कर दी है। अब लालू को ट्रायल कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा।
यह मामला चेक बाउंस कानून (Negotiable Instruments Act) की गंभीरता को रेखांकित करता है, जिसमें अदालत ने तय सीमा में फैसला सुनाकर संदेश दिया है कि ऐसे मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
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