जमशेदपुर : झारखंड सरकार ने सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा लाभ प्रदान किया है। वैसे ताे यह योजना 1 मार्च 2025 से लागू हो चुकी है। लेकिन, इस याेजना के तहत सरकार ने जिन अस्पतालाें से टाईअप किया है, उसकी सूची अब जाकर जारी की गयी है।
अस्पतालाें की सूची काे सभी जिलाें काे भेज दी गयी है। इसमें झारखंड के 166 ताे पूरे देश के 567 अस्पतालाें काे शामिल किया गया है। इसमें दिल्ली, महाराष्ट्र, यूपी, वेस्ट बंगाल, कर्नाटक, तेलंगाना जैसे राज्याें के अस्पताल शामिल हैं, जहां शिक्षक अपना इलाज कर सकते हैं। इसमें अधिकतर अस्पताल दूसरे राज्याें के हैं। हालांकि सूची पर नजर डालें ताे झारखंड के कई जिलाें के बड़े अस्पतालाें काे इसमें शामिल नहीं किया गया है।
पूर्वी सिंहभूम जिले के शिक्षक अस्पतालाें की सूची में टीएमएच व ब्रह्मानंद जैसे बड़े अस्पताल के शामिल नहीं हाेने से नाराज हैं। उनका कहना है कि अगर शहर के बड़े अस्पतालाें काे ही शामिल नहीं किया जाएगा ताे इस याेजना का मतलब ही नहीं रह जाता है। सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ समझौता किया है, जो इलाज की प्रक्रिया को सुगम बनाएगी।
500 रुपये के प्रीमियम पर 5 लाख तक कैशलेस इलाज
इस याेजना का उद्देश्य शिक्षकों और उनके आश्रितों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है। इस पहल को शिक्षक समुदाय के कल्याण और उनकी आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है। झारखंड राज्य स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत, सभी सरकारी शिक्षकों और उनके परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज का लाभ मिलेगा। गंभीर बीमारियों के मामले में यह राशि बढ़कर 10 लाख रुपये तक हो सकती है। योजना का लाभ उठाने के लिए शिक्षकों को अपने वेतन से 500 रुपये प्रतिमाह प्रीमियम के रूप में अंशदान देना होगा। योजना के तहत ओपीडी जांच, दवाएं और अन्य आवश्यक उपचार भी शामिल होंगे। शिक्षकों को employeeswasthyabima.jharkhand.gov.in पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
इनकाे मिलेगा याेजना का लाभ:
यह योजना शिक्षकों के साथ-साथ उनके आश्रितों, जैसे पति/पत्नी, अविवाहित बेटी, 25 वर्ष तक की आयु के बेरोजगार बेटे और आश्रित माता-पिता को भी लाभ पहुंचाएगी। सरकार का यह कदम शिक्षा क्षेत्र में सुधार और शिक्षकों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास है।