Jamshedpur News: अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस 2025 के अवसर पर झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में खेल भावना और ओलंपिक मूल्यों को समर्पित एक भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग, झारखंड रांची एवं जिला प्रशासन (खेल शाखा) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ।
इस आयोजन का उद्देश्य विभागीय क्रीड़ा प्रशिक्षण केंद्रों में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे खिलाड़ियों को ओलंपिक के मूल मूल्यों श्रेष्ठता, मित्रता और सम्मान से परिचित कराना तथा युवाओं में खेलों के प्रति रुचि और जागरूकता को बढ़ावा देना था।
जिले के विभिन्न प्रशिक्षण केंद्रों पर कई प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनमें खिलाड़ियों की जबरदस्त भागीदारी देखने को मिली।
प्रमुख प्रतियोगिताएं और आयोजन स्थल
- बिस्टुपुर के रामदास भट्टा स्थित हैंडबॉल प्रशिक्षण केंद्र में चार टीमों के बीच मुकाबला हुआ। विजेता और उपविजेता टीमों को पुरस्कार प्रदान किए गए।
- डीबीएमएस कदमा उच्च विद्यालय में वॉलीबॉल के चार मुकाबले आयोजित किए गए। विजयी टीमों को सम्मानित किया गया।
- पोटका स्थित खेलो इंडिया सेंटर, चांपी में आयोजित फुटबॉल मुकाबले में तीन टीमों ने भाग लिया और विजेता एवं उपविजेता टीमों को पुरस्कार से नवाजा गया।
इस अवसर पर खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले तीन खिलाड़ियों और दो प्रशिक्षकों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
उपयुक्त पूर्वी सिंहभूम कर्ण सत्यार्थी ने इन खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों को शॉल, बुके और मोमेंटो प्रदान कर उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। इस दौरान जिला खेल पदाधिकारी अविनाश त्रिपाठी और जिला खेल समन्वयक भी उपस्थित रहे। उन्होंने युवाओं को प्रेरणादायक संदेश देते हुए उनके योगदान की सराहना की।
सम्मानित खिलाड़ी
- संजीव टुडू (फुटबॉल) – खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में स्वर्ण पदक विजेता
- प्रीत सोना (फुटबॉल) – खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में स्वर्ण पदक विजेता
- दिवांशु सिंह (तीरंदाजी) – खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2025 में रजत पदक विजेता
सम्मानित प्रशिक्षक
- रोहित कुमार शर्मा (तीरंदाजी) – उनके खिलाड़ी ने 38वें नेशनल गेम्स, उत्तराखंड 2025 में स्वर्ण पदक जीता
- अनिल कुमार (तीरंदाजी) – उनके खिलाड़ी ने 38वें नेशनल गेम्स, उत्तराखंड 2025 में स्वर्ण पदक जीता
कार्यक्रम के दौरान “सेल्फी प्वाइंट” और “हस्ताक्षर अभियान” जैसी रचनात्मक गतिविधियाँ भी आयोजित की गईं, जिनमें प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और ओलंपिक मूल्यों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।