हजारीबाग : झारखंड में उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज- अस्पताल में एक चौंकाने वाली व्यवस्था सामने आई है। मरीजों को व्हीलचेयर की सुविधा के लिए अपने मोबाइल फोन, वाहन की चाबी या अन्य कीमती सामान गिरवी रखना पड़ता है। यह असामान्य व्यवस्था न सिर्फ मरीजों और उनके परिजनों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है, बल्कि सरकारी अस्पताल की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है।
व्हीलचेयर सुविधा के लिए ‘सिक्योरिटी डिपॉजिट’ की अनोखी शर्त
अस्पताल परिसर में मरीजों को एक वार्ड से दूसरे वार्ड या जांच केंद्र तक ले जाने के लिए व्हीलचेयर जरूरी होती है। लेकिन, शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में यह सुविधा बिना शर्त उपलब्ध नहीं है। मरीजों के परिजनों को व्हीलचेयर के बदले में अपना मोबाइल फोन, बाइक या स्कूटी की चाबी जैसी निजी वस्तुएं गिरवी रखनी पड़ती हैं।
इस व्यवस्था के कारण उन मरीजों को विशेष रूप से कठिनाई होती है, जिनके पास कोई कीमती वस्तु नहीं होती। कुछ परिजन बताते हैं कि मोबाइल आज के समय में अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि इसके जरिए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से लेकर आवश्यक संचार तक सभी काम होते हैं। मोबाइल छोड़ने की स्थिति में वे असहाय हो जाते हैं।
विधायक ने उठाया मुद्दा, लेकिन अब तक नहीं हुआ समाधान
इस अव्यवस्था को लेकर हजारीबाग सदर के विधायक प्रदीप प्रसाद ने पहले भी आवाज उठाई थी। विधानसभा समिति की टीम ने अस्पताल का निरीक्षण भी किया और इस समस्या से अवगत कराया गया। इसके बावजूद अब तक व्यवस्था में कोई ठोस सुधार नहीं हो सका है। विधायक का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और सरकार की उदासीनता के कारण व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं हो पा रहा है।
प्रबंधन का दावा और नर्स का स्पष्टीकरण
मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. अनुकरण पुरती ने बताया कि इस व्यवस्था को लेकर पहले भी सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि किसी भी परिस्थिति में सामान गिरवी न रखा जाए। उन्होंने कहा कि अगर अब भी यह व्यवस्था जारी है, तो दोबारा सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे। वहीं अस्पताल में कार्यरत एक नर्स का कहना है कि व्हीलचेयर को लोग इस्तेमाल के बाद कहीं भी छोड़ देते हैं, जिससे अस्पताल प्रबंधन को परेशानी होती है। इसी वजह से अपने स्तर पर यह व्यवस्था शुरू की गई कि व्हीलचेयर वापस करने पर गिरवी रखा गया सामान लौटा दिया जाता है।