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UP Board 2026 : अब लीक नहीं होंगे यूपी बोर्ड के पेपर! AI से होगी हाईटेक निगरानी

by Rakesh Pandey
UP Board 2026
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प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) अब अपनी हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं को और अधिक पारदर्शी व सुरक्षित बनाने के लिए एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की मदद लेने जा रहा है। वर्ष 2026 की परीक्षा के लिए प्रश्नपत्रों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तैयारियां समय रहते शुरू हो चुकी हैं। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने इस बार एआई आधारित निगरानी व्यवस्था को लागू करने की दिशा में योजनाबद्ध प्रयास तेज कर दिए हैं।

डीपीआर तैयार, तेज गति से चल रही तैयारी

2025 की परीक्षा में देरी और टेंडर प्रक्रिया की बाधाओं के चलते एआई व्यवस्था लागू नहीं हो सकी थी। इस बार बोर्ड ने शुरुआती स्तर पर ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। शासन स्तर पर पहली बैठक हो चुकी है और अब डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) लगभग तैयार है। जल्द ही दूसरी बैठक कर टेंडर प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा। यूपी बोर्ड के सचिव भागवती सिंह ने कहा कि पिछली बार समय की कमी और बजट की बाधा के चलते एआई व्यवस्था लागू नहीं हो सकी। इस बार हम समय रहते सभी प्रक्रिया पूरी कर लेंगे। हमारा लक्ष्य 2026 की परीक्षा को हाईटेक निगरानी से सुरक्षित बनाना है।

टेंडर प्रक्रिया को दो भागों में विभाजित किया जाएगा

बोर्ड सचिव के अनुसार, इस बार टेंडर प्रक्रिया को दो भागों में विभाजित किया जाएगा। इसमें एआई सेवा प्रदाता एजेंसी के चयन के लिए टेंडर और दूसरा स्ट्रांग रूम और कंप्यूटराइज्ड वॉल सिस्टम के निर्माण हेतु टेंडर होगा। बोर्ड द्वारा 2026 की परीक्षा में परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूमों की निगरानी के लिए एआई बेस्ड मोशन सेंसर युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों से जुड़ी फीड यूपी बोर्ड मुख्यालय प्रयागराज में बनने वाली ‘कंप्यूटर वॉल’ से जोड़ी जाएगी। अगर किसी स्ट्रांग रूम में मानक से इतर कोई गतिविधि होती है तो सिस्टम तुरंत अलर्ट भेजेगा।

अगस्त 2024 से चल रहा कार्य

2025 में एआई सिस्टम लागू करने के लिए जो प्रयास किए गए थे, वे अगस्त 2024 में शुरू हुए थे, लेकिन समय की कमी के कारण यह योजना अमल में नहीं आ सकी। दो बार अल्पकालिक टेंडर निकाले गए, लेकिन कम प्रतिस्पर्धा और अधिक लागत प्रस्तावों के चलते इसे स्थगित कर दिया गया था।

क्या है कंप्यूटर वॉल और एआई निगरानी सिस्टम

  • मोशन सेंसर युक्त कैमरे हर स्ट्रांग रूम की गतिविधियों पर नजर रखेंगे।
  • कैमरों से जुड़ी फीड सीधे बोर्ड मुख्यालय में कंप्यूटर वॉल पर प्रदर्शित होगी।
  • किसी भी अनियमित गतिविधि पर तुरंत अलर्ट मिलेगा।
  • इस व्यवस्था से प्रश्नपत्र लीक और अन्य गड़बड़ियों को समय रहते रोका जा सकेगा।

25 करोड़ रुपये की योजना

इस योजना के लिए 25 करोड़ रुपये की स्वीकृति पहले से प्राप्त है। दो चरणों में टेंडर निकालकर प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और लागत नियंत्रित करने की योजना है। एआई निगरानी प्रणाली यूपी बोर्ड परीक्षाओं में पारदर्शिता और सुरक्षा की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। अगर यह योजना समय पर लागू हो गई, तो यूपी बोर्ड देश का पहला ऐसा बोर्ड बन सकता है जो प्रश्नपत्रों की निगरानी के लिए पूरी तरह से एआई टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगा।

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