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Ranchi ED Raid : बोकारो के वन भूमि घोटाले में बिहार-झारखंड के 15 ठिकानों पर ईडी का छापा, कई अहम दस्तावेज बरामद

सर्वाधिक छापेमारी कंस्ट्रक्शन कंपनियों के विरुद्ध, रांची के लालपुर, बरियातू, हटिया में चल रही है छापेमारी, बोकारो के वन भूमि घोटाले की सीआइडी भी कर रही है जांच

by Mujtaba Haider Rizvi
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रांची : बोकारो के बहुचर्चित वन भूमि घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने मंगलवार की सुबह से बिहार-झारखंड के 15 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की है। सर्वाधिक ठिकाने कंस्ट्रक्शन कंपनियों के दफ्तर व संचालकों से जुड़े हैं। इनमें झारखंड के कारोबारी विमल अग्रवाल, पुनीत अग्रवाल की कंपनी राजवीर कंस्ट्रक्शन भी शामिल है। रांची के लालपुर, बरियातू, हटिया आदि इलाकों में इनसे जुड़े ठिकाने हैं, जहां ईडी की तलाशी चल रही है।

बोकारो वन विभाग के कार्यालय में पहुंची ईडी की टीम

बोकारो के जिला वन पदाधिकारी के कार्यालय और बोकारो में सीओ व डीसी के कार्यालय में भी ईडी की छापेमारी चल रही है। चास अंचल कार्यालय में भी ईडी पहुंची है। वन भूमि घोटाले के मामले में झारखंड पुलिस की अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) भी जांच कर रही है। वन भूमि घोटाले का मामला वर्ष 2022 का है। बोकारो में प्रशासनिक अधिकारियों ने एक कंपनी को वन विभाग की 74.38 एकड़ जमीन आवंटित कर दी थी। जनवरी 2025 में बोकारो के वन प्रमंडल पदाधिकारी रजनीश कुमार ने उत्तरी छोटानागपुर के आयुक्त से इसकी शिकायत की थी।

उन्होंने बताया था कि बोकारो के कुछ प्रशासनिक अधिकारियों ने वर्ष 2022 में महेंद्र मिश्रा की 10 डिसमिल जमीन के नाम से फर्जी हस्ताक्षर कर शुद्धि पत्र संबंधित आवेदन में हेराफेरी कर उसे 74.38 एकड़ कर दिया था। इसकी जानकारी महेंद्र मिश्रा को हुई तो उन्होंने इजहार हुसैन, अख्तर हुसैन, रहमत हुसैन, ललन सिंह व शैलेश सिंह के विरुद्ध न्यायालय में वर्ष 2024 में आपराधिक मामला दर्ज कराया था। इसके अलावा बोकारो के वन प्रमंडल पदाधिकारी ने भी सेक्टर12 में उसी वर्ष प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसी केस की सीआइडी जांच कर रही है। इसी केस के आधार पर ही ईडी ने भी ईसीआइआर दर्ज की है, जिसके मामले में मंगलवार की सुबह छापेमारी शुरू हुई है।

103 एकड़ वन भूमि घोटाले का है मामला


बोकारो जिले के तेतुलिया मौजा स्थित 103 एकड़ सरकारी वन भूमि पर हुए कथित घोटाले की जांच तेज हो गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए चास के वन विभाग कार्यालय, अंचल कार्यालय, निबंधन कार्यालय सहित आधा दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की है। साथ ही रांची समेत राज्य के अन्य स्थानों पर भी ईडी की टीमें जांच में जुटी हैं। बोकारो के तेतुलिया मौजा में 100 एकड़ से अधिक वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री के चर्चित मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई तेज हो गई है।

रिहायशी बता कर बेची गई थी वन भूमि

यह वही घोटाला है जिसमें भू-माफिया, अंचल कार्यालय के कर्मी और बोकारो स्टील प्लांट के कुछ अफसरों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वन भूमि को रिहायशी जमीन बताकर बेचा गया था। यह जमीन बोकारो स्टील प्लांट द्वारा वन विभाग को वापस लौटाई गई थी। पिछले दिनों राज्य सरकार ने इस मामले में सीआईडी जांच की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय को दी थी। इसके बाद अब ईडी की यह कार्रवाई सामने आई है।

कई दस्तावेज हुए हैं बरामद

सूत्रों के अनुसार, जांच में कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं और कुछ अधिकारियों से भी पूछताछ की जा सकती है। फिलहाल बोकारो में प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में इस छापेमारी को लेकर खलबली मची है, वहीं स्थानीय लोगों में भी मामले को लेकर काफी चर्चा है।

विधानसभा में उठा था मामला

यह मामला हाल ही में विधानसभा में चंदनकियारी के विधायक उमाकांत रजक द्वारा उठाया गया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि करोड़ों रुपये मूल्य की सरकारी जमीन को फर्जीवाड़े से हड़पने का प्रयास किया गया। एक आदिवासी अंचल अधिकारी को इस प्रकरण में बर्खास्त भी किया गया है, परंतु अब तक कई प्रभावशाली लोग कार्रवाई से बचे हुए हैं।

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