RANCHI (JHARKHAND): राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में व्यवस्था रात होते ही आउट आफ कंट्रोल हो जाती है। ये हम नहीं बल्कि रिम्स के डायरेक्टर डॉ राजकुमार कह रहे है। गुरुवार को रिम्स में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उनसे सवाल पूछा गया कि रात में मरीजों के इमरजेंसी में पहुंचने के बाद यहां-वहां दौड़ाया जाता है। इस चक्कर में मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। इतना ही नहीं गंभीर मरीजों को रात में दूसरे हॉस्पिटल तक रेफर कर दिया जाता है।
इसी सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस बात से बिलकुल इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हमारे पास जो संसाधन है उसमें मरीजों का इलाज हम कर रहे है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि ज्यादातर प्राइवेट हॉस्पिटलों से मरीज भी रात में ही रिम्स रेफर किए जाते है। इसका आंकड़ा भी हमारे अधिकारी रख रहे है। इस वजह से लोड अधिक हो जाता है। वहीं मार्टलिटी रेट भी 40 परसेंट के करीब है।
इमरजेंसी में बढ़ेंगे बेड
साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही इमरजेंसी के बेड बढ़ाए जाएंगे। इसके बाद मरीजों को थोड़ी राहत मिल जाएगी। 30 बेड पहले ही बढ़ाए गए थे। अब ओंकोलॉजी विंग में करीब 60 बेड का वार्ड तैयार किया जा रहा है। जिसमें आक्सीजन कंसंट्रेटर सपोर्ट बेड रहेंगे। इसके बाद ये बेड भी इमरजेंसी के मरीजों के लिए चालू कर दे जाएंगे।
आरआईओ का अगस्त में उद्घाटन
डायरेक्टर ने कहा रिजनल इंस्टीट्यूट आफ आप्थैल्मोलॉजी (आरआईओ) का काम इस महीने तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद अगस्त में इस भवन का उद्घाटन कर दिया जाएगा। वहीं मरीजों को इसकी सुविधा मिलने लगेगी।
मैनपावर बढ़ाने का चल रहा काम
उन्होंने कहा कि हॉस्पिटल में मैनपावर की कमी है। जिसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे है। सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के अलावा फोर्थ ग्रेड के 97 स्टाफ की बहाली हुई है। इसके अलावा 20 टेक्निशियन की नियुक्ति की गई है। एनेस्थिसिस्ट की कमी है। जल्द ही इसकी कमी को भी पूरा कर लिया जाएगा। कार्मिक विभाग से 140 नर्सों की नियुक्ति की जानी है। इसकी फाइल भी विभाग को भेजी गई थी। हरी झंडी मिलते ही नर्सों की बहाली की जाएगी।
1400 सीसीटीवी लगाने की तैयारी
हॉस्पिटल कैंपस में निगरानी के लिए सीसीटीवी लगाने की तैयारी है। 1400 सीसीटीवी के लिए टेंडर किया जा चुका है। जिससे कि हॉस्पिटल के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा सकेगी।
होमगार्ड के अलावा 50 परसेंट प्राइवेट गार्ड
हॉस्पिटल की सुरक्षा में तैनात होमगार्ड की ड्यूटी को लेकर डायरेक्टर ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कुछ होमगार्ड के कारण हॉस्पिटल की छवि खराब हो रही है। ये लोग ड्यूटी पर भी नहीं आते और प्राक्सी लगाकर पेमेंट उठा रहे है। कई गार्ड ड्यूज का बहाना बनाकर नहीं आ रहे है। उन्होंने कहा कि बायोमीट्रिक अटेंडेंस सभी को बनाना होगा। इसके बाद ही पेमेंट किया जाएगा। सिक्योरिटी को लेकर उन्होंने कहा कि जीबी ने भी 50 परसेंट प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड रखने को लेकर सहमति दे दी है। जल्द ही हमलोग सिक्योरिटी गार्ड्स भी तैनात करेंगे।
एमआरआई मशीन के लिए इंतजार
डायरेक्टर ने कहा कि एमआरआई मशीन लगाने में अभी चार महीने का समय लगेगा। टेंडर तो हो गया था लेकिन जीबी में सहमति नहीं बन पाई। वहीं स्क्रैप मशीन हटाने के लिए भी एजेंसी ने 22 लाख की बोली लगाई थी। अब एजेंसी भी देर कर रही है। अब एमआरआई मशीन दूरी जगह लगाने के लिए जगह चिन्हित की जा रही है। वहीं स्क्रैप को प्रबंधन खुद से हटाकर किसी और जगह शिफ्ट कराएगा।
सफाई एजेंसी पर एक्शन
प्रबंधन ने सफाई एजेंसी पर कार्रवाई करते हुए करीब 60 लाख रुपये रोक दिया है। एजेंसी को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि सभी कर्मियों का पीएफ और ईएसआईसी भी जमा कराए। इसके बाद एजेंसी को पेमेंट किया जाएगा। इसके साथ ही प्रबंधन ने लेबर कमिश्नर को भी सूचना दे दी है।
1.2 किलोमीटर रेडियस में एमआरआई
रिम्स से 1.2 किलोमीटर के रेडियस में चल रहे एमआरआई सेंटर से रिम्स ने एक्सप्रेशन आफ इंटरेस्ट मांगा है। जिसके तहत रिम्स के द्वारा तय रेट पर जो लोग यहां के मरीजों का एमआरआई करेंगे उन्हें रिम्स भुगतान करेगा। यह भी एक तरह से पीपीपी मोड पर काम करेगा।
75 करोड़ का सामान खरीदा
हॉसिपटल के लिए पहले 52 करोड़ रुपये के सामान खरीदे गए है। इसके साथ 23 करोड़ का सामान और खरीदा गया। उन्होंने कहा कि कैंपस में चल रहे अमृत फार्मेसी ने भी कुछ मरीजों को ब्रांड की दवाएं सप्लाई की थी। इसके लिए सख्त चेतावनी दी गई है। वहीं स्टेंट व पेसमेकर की सप्लाई जारी करने का निर्देश दिया गया है। डायरेक्टर ने कहा कि दवाएं और सर्जिकल आइटम की खरीदारी की गई है। 70 परसेंट डिमांड को हम पूरा कर रहे है।
ये भी दी जानकारी
- हॉस्पिटल में लैब इंफार्मेशन सिस्टम का ट्रायल शुरू
- 50-60 तरह की नई मशीनों की होगी खरीदारी
- अभी नवनिर्मित सेंट्रल लैब में 600 मरीजों की हो रही जांच
- 90 पारा मीटर्स के तहत मरीजों के सैंपल का हो रहा टेस्ट
- एक दिन में टेस्ट की दी जा रही रिपोर्ट
- ब्रांडेड दवा लिखने वाले डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई
- हॉस्पिटल कैंपस में सिवरेज-ड्रेनेज का पता ही नहीं
- किचन का टेंडर नए सिरे से किया जा रहा
- सफाई के लिए भी नई एजेंसी को हो रही तलाश
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