हरिद्वार : श्रावण मास की शिवरात्रि के पावन अवसर पर बुधवार को हरिद्वार सहित पूरे उत्तर भारत के शिव मंदिरों में भक्तों की अपार भीड़ उमड़ पड़ी। दक्षेश्वर महादेव मंदिर सहित हरिद्वार के प्रमुख मंदिरों में रातभर जलाभिषेक और पूजा-अर्चना का क्रम जारी रहा। ‘बम बम भोले’, ‘जय शिव शंकर’ के नारों से हरिद्वार की गलियां और मंदिर परिसर गूंज उठे।
कांवड़ियों ने संपन्न किया व्रत, गंगा से लाया गया जल अर्पित
11 जुलाई से प्रारंभ हुए सावन मास के बाद से हजारों कांवड़िए (कांवरिए) गंगा, यमुना सहित विभिन्न नदियों से पवित्र जल लेकर अपने-अपने क्षेत्र के शिव मंदिरों की ओर बढ़े थे। आज सावन की शिवरात्रि के अवसर पर इन कांवड़ियों ने भगवान शिव का जलाभिषेक कर व्रत का समापन किया। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश से आए श्रद्धालुओं का सैलाब हरिद्वार की सड़कों पर देखने को मिला।
दक्षेश्वर महादेव मंदिर में विशेष श्रद्धा, कनखल में शिव का निवास
श्रद्धालुओं की सबसे अधिक भीड़ कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में देखने को मिली। धार्मिक मान्यता है कि श्रावण मास में भगवान शिव कनखल में स्थित दक्ष प्रजापति के निवास स्थान पर रहते हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज त्रिपाठी के अनुसार, भगवान शिव ने दक्ष को जीवनदान देने के बाद यह वचन दिया था कि पूरे श्रावण मास में वे दक्षेश्वर महादेव रूप में यहीं निवास करेंगे। ऐसे में इस मंदिर में श्रावण मास में जलाभिषेक का विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
चार पहर की पूजा से मिलती है पूर्णता
पंडित मनोज त्रिपाठी ने बताया कि श्रावण शिवरात्रि पर चार पहर की पूजा का विशेष महत्व होता है:
प्रथम पहर : जल से अभिषेक
द्वितीय पहर : दूध से अभिषेक
तृतीय पहर : घी से अभिषेक
चतुर्थ पहर : शहद से अभिषेक
इसके साथ ही, बिल्व पत्र को माता पार्वती का स्वरूप मानकर अर्पित करने से मोक्ष और इच्छापूर्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
महंत रविंद्र पुरी का बयान
महंत रविंद्र पुरी ने कहा, ‘आज शिवरात्रि का पावन दिन है। कांवड़ यात्रा पूरे चरम पर है। हर दिशा से कांवड़िए आ रहे हैं। यह दिन भगवान शिव के अभिषेक का दिन है। हम सभी को ओम नमः शिवाय का जाप करते हुए श्रद्धा भाव से पूजा करनी चाहिए’।
भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में शिवभक्तों की भीड़
देश भर के 12 ज्योतिर्लिंगों में आज श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। श्रद्धालु जल, दूध, शहद और गंगाजल से अभिषेक कर मंत्रोच्चारण के साथ भगवान शिव का पूजन कर रहे हैं। विशेषकर काशी विश्वनाथ, केदारनाथ, महाकालेश्वर और सोमनाथ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं।
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
हरिद्वार में पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। हर शिव मंदिर पर विशेष निगरानी, ट्रैफिक कंट्रोल और श्रद्धालुओं के लिए पेयजल, चिकित्सा और मार्गदर्शन केंद्रों की स्थापना की गई है।