जमशेदपुर : टाटानगर रेलवे स्टेशन में वरिष्ठ तकनीशियन के रूप में कार्यरत आई नारायण बाबू ने अपने अधिवक्ता रविशंकर पांडेय के साथ मिलकर वरीय पुलिस अधीक्षक (SSP) से मुलाकात की और अपनी सुरक्षा की मांग की। उन्होंने एसएसपी को बताया कि वह राउरकेला (ओडिशा) के निवासी हैं और पिछले एक साल से टाटानगर रेलवे में वरिष्ठ तकनीशियन के तौर पर कार्यरत हैं।
आई नारायण बाबू का आपबीती: अपहरण और मारपीट की खौफनाक कहानी
नारायण बाबू ने पुलिस अधीक्षक को बताया कि 3 अक्टूबर 2024 को जब वह टाटानगर रेलवे स्टेशन पर अपनी ड्यूटी पर तैनात थे, तब आशीष कुम्भकार, सचिन सागर और संतोष बहादुर उनके पास आए। आरोपियों ने पहले गाली-गलौज की और फिर उन्हें पकड़कर गोलमुरी ले गए। वहां, आरोपियों ने पहले उन्हें शराब पिलाई और फिर बुरी तरह मार-पीट की। इसके बाद, उन्हें कार में डालकर ओडिशा ले जाया गया, जहां उन्होंने 10 दिन तक बंधक बनाकर रखा और नारायण बाबू को भोजन और पानी के बिना रखा। इस दौरान, आरोपियों ने उनके UPI वॉलेट से पैसे भी निकाल लिए।
परिजनों ने की पुलिस में शिकायत, फिर भी कार्रवाई का अभाव
नारायण बाबू ने बताया कि उनके परिजनों को जब वह काम पर नहीं लौटे और उनसे संपर्क नहीं हो पाया, तो परिजनों ने रेल पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। हालांकि, इसके बावजूद अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। नारायण बाबू ने कहा कि करीब दस दिन बाद आरोपियों ने उन्हें झारसुगड़ा के पास छोड़ दिया, जहां वह बुरी तरह बीमार हो गए। इसके बाद, नारायण बाबू ने 4 नवंबर को अपनी ड्यूटी जॉइन की, लेकिन आरोपियों द्वारा अब भी उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। नारायण बाबू ने यह भी जताया कि आरोपियों की ओर से उनकी हत्या का खतरा हो सकता है।
पुलिस सुरक्षा की गुहार और शीघ्र गिरफ्तारी की अपील
नारायण बाबू ने वरीय पुलिस अधीक्षक से अपील करते हुए कहा कि उन्हें तुरंत पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए ताकि उनकी जान को कोई खतरा न हो। साथ ही, उन्होंने आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की है। उनका कहना है कि अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, और ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता जताई जा रही है।