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Tata Steel Adventure Foundation के मोहन रावत ने 52 वर्ष की उम्र में किया Mount Evrest फतह, लहराया झारखंड का परचम

by Anand Mishra
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Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण! टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (टीएसएएफ) के एक अनुभवी और वरिष्ठ प्रशिक्षक, 52 वर्षीय मोहन रावत ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी, माउंट एवरेस्ट के शिखर पर अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और वर्षों के कठिन परिश्रम के बल पर विजय प्राप्त कर ली है। टाटा स्टील की ओर से सोमवार को जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में इस शानदार उपलब्धि की जानकारी दी गई।

18 मई की सुबह एवरेस्ट के शिखर पर लहराया तिरंगा

विज्ञप्ति के अनुसार, मोहन रावत ने 18 मई की सुबह तड़के माउंट एवरेस्ट की दुर्गम चढ़ाई को सफलतापूर्वक पूरा किया। उन्होंने शिखर पर लगभग 15 मिनट का अमूल्य समय बिताया, इस ऐतिहासिक पल को जिया और फिर सुरक्षित रूप से नीचे उतर आए। इस चुनौतीपूर्ण अभियान की तैयारी के लिए रावत ने पहले खुद को उच्च पर्वतीय परिस्थितियों के अनुकूल बनाया। इसके लिए उन्होंने 2 मई को माउंट लोबुचे ईस्ट (20,075 फीट) की चढ़ाई की। इसके बाद, 3 मई को उन्होंने खुंबू क्षेत्र में ट्रैकिंग करते हुए एवरेस्ट के आधार शिविर (17,500 फीट) तक का सफर तय किया।

दुर्गम चढ़ाई और अनुभवी शेरपा का साथ

शिखर की अंतिम और निर्णायक चढ़ाई मोहन रावत ने 14 मई को शुरू की थी। कई मुश्किल पड़ावों को पार करते हुए वह 17 मई को शिविर चार (26,400 फीट) पहुंचे, जो मृत्यु क्षेत्र के करीब स्थित अंतिम शिविर माना जाता है। यहां से, अपनी अदम्य साहस और शारीरिक क्षमता का परिचय देते हुए, उन्होंने 18 मई की सुबह माउंट एवरेस्ट के शिखर को छू लिया। इस कठिन यात्रा में अनुभवी शेरपा गाइड लखपा शेरपा ने उनका महत्वपूर्ण साथ दिया। इस पूरे अभियान में नेपाल स्थित प्रतिष्ठित पर्वतारोहण एजेंसी एशियन ट्रेकिंग ने भी अपना सहयोग प्रदान किया।

दो दशकों से साहसिक खेलों में सक्रिय

मोहन रावत पिछले दो दशकों से भी अधिक समय से टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं। इस दौरान उन्होंने पर्वतारोहण, स्कीइंग और राफ्टिंग जैसे विभिन्न साहसिक खेलों में व्यापक और गहन प्रशिक्षण प्राप्त किया है। यह उनकी लगन और समर्पण का ही परिणाम है कि उन्होंने इससे पहले भी कई चुनौतीपूर्ण पर्वतों की चोटियों को सफलतापूर्वक फतह किया है।

मिशन गंगा और ट्रांस-हिमालयन अभियान में भी निभाई महत्वपूर्ण भूमिका

मोहन रावत की उपलब्धियों की फेहरिस्त यहीं समाप्त नहीं होती। वह 2018 में प्रधानमंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाए गए महत्वाकांक्षी ‘मिशन गंगा’ अभियान का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। इसके अतिरिक्त, उन्होंने प्रख्यात पर्वतारोही बछेंद्री पाल के नेतृत्व में 2022 के ऐतिहासिक ट्रांस-हिमालयन अभियान में भी सक्रिय रूप से भाग लिया था, जिसमें टीम ने 35 दुर्गम पर्वतीय दर्रों को पार करते हुए 4,841 किलोमीटर की अविश्वसनीय दूरी तय की थी। माउंट एवरेस्ट पर उनकी यह शानदार विजय उनके साहसिक करियर में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ती है और पूरे झारखंड के लिए प्रेरणा का स्रोत बनती है।

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