आंध्र प्रदेश के तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के उद्देश्य से 18 गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई शुरू की है। इन कर्मचारियों को TTD के नियमों के खिलाफ काम करने का दोषी पाया गया है। ट्रस्ट ने इन कर्मचारियों को दो विकल्प दिए हैं—या तो वे किसी अन्य सरकारी विभाग में ट्रांसफर हो जाएं या फिर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले लें।
TTD के अध्यक्ष बीआर नायडू ने इस निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम गैर-हिंदू धार्मिक प्रथाओं का पालन करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ लिया गया है। उन्होंने बताया कि इन कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है और इन्हें VRS लेने या सरकारी विभागों में ट्रांसफर का प्रस्ताव दिया गया है।
TTD के फैसले के अनुसार, तिरुमला में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए यह आवश्यक है कि वे हिंदू धर्म का पालन करें। इसके अलावा, बोर्ड मीटिंग में एक और प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें राजनीतिक बयानों पर रोक लगाने की बात कही गई है। इस प्रस्ताव के तहत, TTD नियमों का उल्लंघन करने वाले और राजनीतिक प्रचार करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
टीटीडी द्वारा लिया गया यह निर्णय तीन प्रमुख आधारों पर आधारित है। पहले, TTD अधिनियम में किए गए संशोधनों के तहत धार्मिक संस्थानों में केवल हिंदू कर्मचारियों को नियुक्ति दी जाती है। दूसरा, 1989 में जारी सरकारी आदेश के तहत TTD के प्रशासनिक पदों पर केवल हिंदुओं को ही नियुक्त किया जा सकता है। और तीसरा, नवंबर 2023 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा नियम 3 को बरकरार रखते हुए यह निर्णय लिया गया कि धार्मिक संस्थानों के कर्मचारियों के लिए हिंदू धर्म का पालन करना अनिवार्य है।
इस फैसले को लेकर TTD के अधिकारियों का कहना है कि यह कदम मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए आवश्यक था।