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सेमिनार में बोले परिवहन मंत्री, ट्रैफिक नियमों का सख्ती से कराएं पालन

समीक्षकों ने सुझाव दिया कि सरकारी संगठनों, नागरिकों और तकनीकी विशेषज्ञों के बीच सहयोग बढ़ाना आवश्यक है ताकि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके।

by Anurag Ranjan
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रांची : होटल रेडिसन ब्लू में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सेमिनार का उद्घाटन शुक्रवार को झारखंड सरकार के परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा ने किया। यह सेमिनार ‘परवाह : जिम्मेदारी साझा करें, दुर्घटना की संभावना कम करें’ थीम पर आधारित था। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशों पर राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह-2025 के समापन पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।

दीपक बिरुवा ने सड़क सुरक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा एक सामूहिक जिम्मेदारी है। यह सेमिनार जागरूकता बढ़ाने, नीतियों को मजबूत करने और सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए संरचना में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सड़क सुरक्षा के प्रति नागरिकों में जागरूकता बढ़ाना, सड़क संरचनाओं को सुरक्षित बनाना और ट्रैफिक नियमों के सख्त पालन के माध्यम से सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सकती है।

विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान

विशेषज्ञों ने सेमिनार में सड़क सुरक्षा से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार रखे। जिनमें यातायात नियमों और कानूनों के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने, ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता, सड़क संरचना को सुरक्षित बनाने के उपाय और सड़क सुरक्षा प्रबंधन में तकनीकी नवाचारों का उपयोग प्रमुख थे। समीक्षकों ने यह भी सुझाव दिया कि सरकारी संगठनों, नागरिकों और तकनीकी विशेषज्ञों के बीच सहयोग बढ़ाना आवश्यक है ताकि राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। साथ ही बताया गया कि सेमिनार में प्रस्तुत सभी सुझावों को सरकार को भेजा जाएगा, ताकि इन्हें आगामी नीतियों में शामिल किया जा सके। इस दौरान गुड सैमरिटन पॉलिसी के नागरिकों को सम्मानित करने के लिए सुझाव दिए गए।

केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं सुरक्षा

प्रदीप कुमार, संयुक्त परिवहन आयुक्त ने कहा कि परवाह, जिसका अर्थ केयर है। इस शब्द में गहरा संदेश छिपा हुआ है। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि सभी नागरिकों को एकजुट होकर इसे लागू करना होगा। इस दौरान लोगों ने संकल्प लिया कि वे सतर्क रहेंगे और सुरक्षित सड़क का उपयोग करेंगे। सेमिनार के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता और जिम्मेदारी का होना बहुत आवश्यक है।

देश में हर साल 80 हजार लोग गंवा रहे जान

भारत में हर साल करीब 80,000 लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा बैठते हैं, जो पूरे विश्वभर में होने वाली कुल सड़क दुर्घटनाओं के 13 प्रतिशत के बराबर है। अधिकतर दुर्घटनाएं लापरवाही और सड़क चलने वालों में जागरूकता की कमी के कारण होती हैं। यही कारण है कि सड़क सुरक्षा शिक्षा को एक बुनियादी कौशल के रूप में अत्यधिक जरूरी माना जाता है।

1 जनवरी 2025 को हुई थी शुरुआत

बता दें कि राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह की शुरुआत नव वर्ष के पहले दिन 1 जनवरी 2025 को हुई थी। इस दौरान पूरे महीने भर विभिन्न कार्यक्रमों, जागरूकता अभियान और संवाद के माध्यम से समाज को सड़क सुरक्षा के महत्व के बारे में शिक्षित किया गया। यह प्रयास आगामी महीनों में भी जारी रहेगा। लीड एजेंसी सड़क सुरक्षा, परिवहन विभाग, झारखंड सरकार ने सभी नागरिकों से आग्रह किया है कि वे सड़क सुरक्षा को अपनी जिम्मेदारी समझें और एक सुरक्षित यात्रा के लिए प्रयासरत रहें।

इनकी रही मौजूदगी

मौके पर कृपानंद झा, सचिव, परिवहन विभाग, झारखंड, धनंजय कुमार सिंह डीआईजी जंगल वारफेयर स्कूल पुलिस विभाग झारखंड, संगीता लाल संयुक्त सचिव परिवहन विभाग, प्रदीप कुमार, जेएएस संयुक्त परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा), झारखंड सरकार, प्रवीण कुमार प्रकाश जेएएस संयुक्त परिवहन आयुक्त झारखंड सरकार, इरशाद आलम अवर सचिव परिवहन विभाग झारखंड मौजूद थे।

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