प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में इस बार एक ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला है। 77 देशों के राजदूत और विदेशी प्रतिनिधि महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे हैं। इनमें 73 देशों के राजनयिक और 118 विशिष्ट अतिथि शामिल हैं। इस अवसर पर विदेशी मेहमानों को भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को करीब से देखने का मौका मिला।
महाकुंभ में विदेशी मेहमानों का उत्साह
महाकुंभ मेला, जिसे भारत की सबसे बड़ी धार्मिक और सांस्कृतिक मेला माना जाता है, इस बार एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन बन गया है। दुनियाभर से राजनयिकों का आगमन हुआ है, जिन्होंने इस पवित्र अवसर पर भारत की संस्कृति और परंपराओं को जानने और समझने का निर्णय लिया। जापान के राजदूत केइची ओनो ने भी इस यात्रा पर अपनी खुशी जताते हुए कहा, “मुझे खुशी है कि मुझे इस पवित्र मेले में शामिल होने का मौका मिल रहा है। महाकुंभ मेला बहुत खास है और मैं हिंदू संस्कृति को और अधिक जानने के लिए उत्सुक हूं।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “यह दौरा भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को करीब से देखने का एक अद्वितीय अवसर है।” इस अवसर पर जापान, रूस, दक्षिण अफ्रीका, मैक्सिको, इटली, यूक्रेन, जर्मनी, नेपाल सहित कई देशों के राजनयिकों ने महाकुंभ में हिस्सा लिया। हालांकि कुछ देशों के राजनयिकों ने यात्रा रद्द कर दी। इनमें अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड और चीन के राजनयिक शामिल हैं।
संगम में आस्था की डुबकी
महाकुंभ में पहुंचने के बाद विदेशी प्रतिनिधि सबसे पहले प्रयागराज एयरपोर्ट पर पहुंचे, जहां से उन्हें अस्थाई सर्किट हाउस लाया गया। इसके बाद, प्रतिनिधि संगम में स्नान के लिए गए। यहां उन्होंने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर अपनी आस्था व्यक्त की। इसके बाद, वे मंदिरों में पूजा-अर्चना में शामिल हुए। यह एक ऐतिहासिक क्षण था, जब विदेशी राजदूतों ने भारत की धार्मिक धरोहर और आस्थाओं को अनुभव किया।
देशी-विदेशी रिश्तों को मजबूती
महाकुंभ में विदेशी मेहमानों का आना भारत और इन देशों के बीच रिश्तों को मजबूत करने में मदद करेगा। इस आयोजन से दुनियाभर के लोगों को भारतीय संस्कृति, धार्मिक परंपराओं और आस्थाओं को समझने का मौका मिला है। इस कार्यक्रम के जरिए भारतीय संस्कृति को वैश्विक स्तर पर प्रमोट किया जा रहा है और साथ ही विदेशी देशों से सांस्कृतिक जुड़ाव भी बढ़ रहा है।
भारत की धार्मिक विविधता का उत्सव
महाकुंभ मेला न केवल भारत की धार्मिक विविधता का उत्सव है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जो दुनियाभर के लोगों को एक साथ लाने का काम करता है। यह मेला भारत के विविध धर्मों, संस्कृतियों और परंपराओं को दर्शाता है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु आते हैं, जो गंगा स्नान करने के साथ-साथ धार्मिक क्रियाओं में भाग लेते हैं। अब, विदेशी प्रतिनिधियों का इस मेले में भाग लेना इसे और भी ऐतिहासिक बना देता है।
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