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Jharkhand Youth migration issues : झारखंड का एक ऐसा गांव जहां एक भी युवक नहीं, मंत्री के निर्देश पर पहुंची टीम

by Anand Mishra
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घाटशिला : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला अनुमंडल के कालचिति पंचायत स्थित रामचंद्रपुर सबर बस्ती की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। यहां एक भी युवक नजर नहीं आता। यदि कोई युवक है भी, तो वह शारीरिक रूप से कमजोर या बीमार है। इस मुद्दे को लेकर हाल ही में “द फोटोन न्यूज” में एक प्रमुख रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी, जिसमें गांव की महिलाओं ने अपने कंधों पर शव उठाकर ग्रामीण संघर्ष को प्रदर्शित किया था।

इस खबर का असर सोमवार को देखा गया जब राज्य के शिक्षा मंत्री और घाटशिला के विधायक रामदास सोरेन के निर्देश पर एक प्रतिनिधिमंडल गांव पहुंचा। इस प्रतिनिधिमंडल ने इस बस्ती का दौरा कर वस्तुस्थिति का जायजा लिया और मामले की गहनता से जांच की।

गांव के युवा रोजगार के लिए बाहर जाते हैं

विधायक प्रतिनिधि जगदीश भकत ने बताया कि 29 जनवरी को जुंआ सबर नामक युवक की मौत के बाद गांव सुर्खियों में आया। जांच में पता चला कि इस बस्ती के लगभग 19 युवक रोजगार की तलाश में तमिलनाडु गए हुए हैं। इसके अलावा, 18 से 40 वर्ष तक के अधिकतर पुरुष राज्य से बाहर काम के लिए गए हुए हैं।

गांव में कोई भी युवा नजर नहीं आता। जो कुछ हैं, वे या तो शारीरिक रूप से कमजोर हैं या बीमार। जुंआ सबर के बारे में जानकारी दी गई कि उसे जंगली सूअर ने पैर में काट लिया था, जिससे वह अपाहिज हो गया था, और उसकी मौत हो गई। बस्ती के कुछ बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, जो और भी गंभीर समस्या बनकर सामने आई है।

आगामी कार्रवाई की जाएगी

प्रतिनिधिमंडल ने इस पूरे मामले की विस्तृत जांच की और इसकी रिपोर्ट राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन को सौंपी जाएगी। इसके बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इस जांच दल में अंपा हेंब्रम, मो जलील, बाबूलाल मुर्मू, सब्यसाची चौधरी, गालूराम टुडू, दीपक कालिंदी सहित अन्य लोग शामिल थे।

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