Home » बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने सीएस को लिखा पत्र, शराब दुकानों का संचालन करने वाली 2 एजेंसियों ने दी फर्जी बैंक गारंटी

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने सीएस को लिखा पत्र, शराब दुकानों का संचालन करने वाली 2 एजेंसियों ने दी फर्जी बैंक गारंटी

बाबूलाल ने पत्र में बताया है कि शिकायतकर्ता अमन कुमार सिंह द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के अनुसार इन दोनों एजेंसियों ने फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर जेएसबीसीएल से कार्यादेश प्राप्त किया।

by Anurag Ranjan
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

रांची : बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने शराब दुकानों के संचालन करने वाली 2 एजेंसियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। वहीं मामले में त्वरित कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि झारखंड राज्य बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड के तहत शराब दुकानों के संचालन एवं प्रबंधन में कथित तौर पर फर्जी बैंक गारंटी जमा करने वाली दो एजेंसियों मार्शन इनोवेटिव सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड और विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विस एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड का नाम आया है। ऐसे में इन एजेंसियों पर लगे गंभीर आरोपों की जांच कर FIR दर्ज करने और इन्हें ब्लैकलिस्ट करने का आग्रह किया गया है।

अधिकारियों ने नहीं की कार्रवाई

बाबूलाल ने पत्र में बताया है कि शिकायतकर्ता अमन कुमार सिंह द्वारा उपलब्ध कराए गए साक्ष्यों के अनुसार इन दोनों एजेंसियों ने फर्जी बैंक गारंटी के आधार पर जेएसबीसीएल से कार्यादेश प्राप्त किया। पंजाब एवं सिंध बैंक और बंधन बैंक से प्राप्त पत्रों में यह स्पष्ट किया गया कि इन एजेंसियों द्वारा जमा की गई बैंक गारंटी झूठी थी, लेकिन इसके बावजूद जेएसबीसीएल के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

एक साल पहले दी गई थी सूचना

उनका कहना है कि एक वर्ष से अधिक समय पहले ही बैंक ने जेएसबीसीएल को इस फर्जीवाड़े के बारे में सूचित कर दिया था, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने इसे नजरअंदाज किया। इसके चलते दोनों एजेंसियों ने राज्य के राजस्व को नुकसान पहुंचाया और शराब बिक्री से जुड़े 25 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भी जेएसबीसीएल में जमा नहीं कराई। मरांडी ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने जानबूझकर इन एजेंसियों पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विभागीय भ्रष्टाचार हो सकता है।

प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य सरकार से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और आरोपित एजेंसियों को काली सूची में डालने का अनुरोध किया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं की जाती, तो यह वित्तीय अनियमितता राज्य के राजस्व पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।

Read Also: Baghbeda Water Crisis : बागबेड़ा में पानी टैंकरों की मांग को लेकर ग्रामीणों का प्रदर्शन छुट्टी के चलते स्थगित

Related Articles