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JPSC Exam Result : ‘डीएसपी की पाठशाला’ का कमाल, 140 छात्रों ने JPSC में लहराया परचम

JPSC Success : 'वर्दी वाले टीचर' DSP विकास चंद्र श्रीवास्तव के निःस्वार्थ समर्पण व मार्गदर्शन का ही परिणाम है कि उनके छात्रों में स्टेट टॉपर आशीष अक्षत, अभय कुजूर (दूसरा रैंक), श्वेता (पांचवां रैंक) और संदीप प्रकाश (आठवां रैंक) जैसे अन्य होनहार शामिल हैं...

by Anand Mishra
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Ranchi (Jharkhand) : झारखंड में एक ऐसा ‘वर्दी वाला टीचर’ है, जिसकी ‘पाठशाला’ से निकले छात्रों ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की परीक्षा में शानदार सफलता हासिल की है। झारखंड पुलिस के तेज तर्रार पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) विकास चंद्र श्रीवास्तव की नि:स्वार्थ पहल ‘डीएसपी की पाठशाला’ से इस वर्ष 140 अभ्यर्थियों ने जेपीएससी की परीक्षा में बाजी मारी है! यह उपलब्धि तब और खास हो जाती है, जब इनमें से चार छात्रों ने टॉप टेन (10) में अपनी जगह बनाई है।

टॉपर्स में ‘डीएसपी की पाठशाला’ का जलवा

इस वर्ष ‘डीएसपी की पाठशाला’ से जेपीएससी परीक्षा पास करने वाले 140 अभ्यर्थियों में कई ऐसे नाम शामिल हैं जिन्होंने राज्य भर में अपनी पहचान बनाई है। इनमें स्टेट टॉपर आशीष अक्षत, अभय कुजूर (दूसरा रैंक), श्वेता (पांचवां रैंक) और संदीप प्रकाश (आठवां रैंक) जैसे होनहार छात्र शामिल हैं। यह सफलता डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव के समर्पण और मार्गदर्शन का ही परिणाम है, जिन्हें अब ‘वर्दी वाले टीचर’ के नाम से जाना जाता है।

निःशुल्क शिक्षा की अनोखी पहल

डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव साल 2012 से छात्रों को बिना किसी फीस के पढ़ा रहे हैं। उनका एक यूट्यूब चैनल भी है, जिसका नाम ‘डीएसपी की पाठशाला’ है, जहाँ वे अभ्यर्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन देते हैं। अपने छात्रों की इस अभूतपूर्व सफलता से डीएसपी विकास चंद्र बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि अपनी दिन भर की नौकरी के बाद जो भी व्यक्तिगत समय उन्हें मिलता है, उसी में वे छात्रों को पढ़ाने में लगाते हैं। अवकाश के दिनों में कक्षा की अवधि और भी बढ़ जाती है, ताकि छात्रों को अधिक से अधिक लाभ मिल सके।

उनकी ऑनलाइन कक्षाओं में केवल झारखंड से ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु सहित देश के कई अन्य राज्यों के छात्र भी शामिल होते हैं। यह दर्शाता है कि उनकी शिक्षण शैली और मार्गदर्शन की पहुँच कितनी व्यापक है।

पिता की सीख का अनुसरण

डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव ने अपनी प्रेरणा के स्रोत के बारे में बात करते हुए बताया कि उनके पिता भी एक शिक्षक थे। उन्होंने ही उन्हें समाज के प्रति अपने दायित्वों की सीख दी थी, जिसका अनुसरण वे आज भी कर रहे हैं। श्रीवास्तव ने इस नेक काम में अपने परिवार के पूर्ण सहयोग के लिए भी आभार व्यक्त किया।

गौरतलब है कि जेपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2023 का अंतिम परिणाम 25 जुलाई, शुक्रवार को जारी कर दिया है। इस परीक्षा में कुल 342 अभ्यर्थी सफल हुए हैं, और इनमें से 140 का ‘डीएसपी की पाठशाला’ से होना वाकई काबिले तारीफ है। यह सफलता उन सभी के लिए एक बड़ी प्रेरणा है, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं।

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