चाईबासा : चाईबासा में आयोजित एक महत्वपूर्ण जांच अभियान में जिला स्तरीय टीम ने मंडल कारा का निरीक्षण किया। यह अभियान सुप्रीम कोर्ट के आदेश और झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (झालसा) के दिशा-निर्देशों के तहत आयोजित किया गया था। इस जांच दल में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के अधिकारी शामिल थे।
जांच के दौरान क्या हुआ?
जांच दल के प्रमुख सदस्य, प्रधान जिला जज मोहम्मद शाकिर, एसपी आशुतोष शेखर, प्राधिकरण के सचिव राजीव कुमार सिंह, सिविल सर्जन मांझी और अन्य अधिकारियों ने कारा में बंदियों से बातचीत की। उन्होंने यह जानने का प्रयास किया कि क्या बंदियों के साथ जाति, धर्म या लिंग के आधार पर कोई भेदभाव किया जाता है, या खान-पान, शिक्षा और चिकित्सा में भी कोई असमानता पाई जाती है। बंदियों ने साफ तौर पर बताया कि उन्हें किसी प्रकार का भेदभाव नहीं झेलना पड़ता है। वे सभी एक साथ भोजन करते हैं और अध्ययन कक्ष में भी साथ पढ़ाई करते हैं।
बंदी पुस्तिका और कानूनी सहायता का निरीक्षण
जांच दल ने मंडल कारा में बंदी पुस्तिका का भी अवलोकन किया। बंदियों ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति के पास अपना व्यक्तिगत वकील है और डालसा के विजिटर अधिवक्ता नियमित रूप से जेल आकर कानूनी सहायता प्रदान करते हैं। यह जानकारी प्राधिकरण के सचिव राजीव कुमार सिंह ने दी।