जमशेदपुर : जिले में कल्याण विभाग ने 10 ऐसे छात्रावास बनाए हैं जिनका अब तक प्रयोग नहीं हो रहा है। इन छात्रावासों के निर्माण में सरकार ने करोड़ों रुपये फूंक दिए मगर कई साल बीत जाने के बाद भी इन छात्रावासों में एक भी छात्र नहीं रह रहा है। जिला प्रशासन की जानकारी में यह बात आने के बाद अब कल्याण विभाग सक्रिय हो गया है। डीसी के निर्देश पर कल्याण विभाग के अधिकारी इन सभी छात्रावासों की जांच करेंगे। इसके बाद इन छात्रावासों का सही प्रयोग कराने के लिए उन स्कूल प्रबंधकों पर दबाव बनाया जाएगा जहां यह छात्रावास बनाए गए हैं।
कल्याण विभाग जिले में छात्रावासों का निर्माण कराता है। एक छात्रावास के निर्माण पर लगभग 50 लाख रुपये के आसपास खर्च किए जाते हैं। जिले में कई छात्रावासों का निर्माण हुआ है। इनमें से 10 छात्रावास ऐसे हैं जिनको स्कूलों के प्रबंधकों ने पैरवी लगा कर बनवा तो लिया मगर इनका सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। प्रशासन को शिकायत मिली है कि इन छात्रावासों में छात्र नहीं रह रहे हैं।
जर्जर छात्रावासों की होगी मरम्मत
कल्याण विभाग के जिले में 55 छात्रावास हैं। इनमें से कई छात्रावास जर्जर हो गए हैं। जो छात्रावास जर्जर हो गए हैं, अब कल्याण विभाग उनकी मरम्मत कराएगा। कल्याण विभाग की योजनाओं की गुरुवार को हुई समीक्षा बैठक में आईटीडीए के परियोजना निदेशक दीपांकर चौधरी ने कल्याण विभाग के अधिकारी शंकराचार्य समद को निर्देश दिया है कि वह इन सभी छात्रावासों का जायजा लें। जो छात्रावास जर्जर हो गए हैं, उनकी मरम्मत की जाए। अब कल्याण अधिकारी इन छात्रावासों का जायजा लेने के बाद जर्जर पाए गए छात्रावासों की मरम्मत के लिए एक प्रस्ताव तैयार करेंगे। यह प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा। वहां से छात्रावासों की मरम्मत की योजना को मंजूरी मिलने के बाद जर्जर छात्रावासों की मरम्मत का काम किया जाएगा। इसमें भवनों की मरम्मत, रंग-रोगन, बाउंड्री वॉल, जल संरक्षण के उपाय, बिजली व्यवस्था, फर्नीचर, पुस्तकालय जैसी सभी मूलभूत सुविधाएं शामिल होंगी।बैठक में प्री मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना, साइकिल वितरण योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, बिरसा आवास योजना, छात्रावास निर्माण, कब्रिस्तान व जाहेरस्थान घेराबंदी जैसी विभिन्न योजनाओं की अद्यतन स्थिति पर चर्चा हुई।
छात्रवृत्ति भुगतान में तेजी
प्री मैट्रिक योजना के अंतर्गत अब तक 1,25,999 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का भुगतान किया जा चुका है, जबकि शेष 21,505 छात्रों का भुगतान डेटा मिलान और आवंटन के बाद किया जाएगा। पोस्ट मैट्रिक योजना में 22,495 छात्रों को राशि प्राप्त हो चुकी है, जो कुल लाभार्थियों का 97.54 प्रतिशत है।
साइकिल वितरण और रोजगार सृजन पर जोर
साइकिल वितरण योजना में अभी तक 75.07 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसे जल्द ही 100 प्रतिशत तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत जिन लाभार्थियों ने योजना से हटने की इच्छा जताई है, उनसे लिखित आवेदन लेकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है।