Ranchi: झारखंड की मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना एक बार फिर चर्चा में है। मई और जून महीने की बकाया राशि अब तक लाभुकों के खातों में नहीं पहुंची है, जिससे लाखों महिलाओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। जबकि नियम के अनुसार हर महीने की 15 तारीख तक राशि ट्रांसफर हो जानी चाहिए।
क्यों हो रही है किस्त जारी करने में देरी?
द फोटान न्यूज़ को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सभी जिलों के सामाजिक सुरक्षा कोषांग भुगतान के लिए तैयार हैं। समस्या सिर्फ विभागीय स्तर पर मंजूरी की है। इस बार देरी की एक बड़ी वजह यह है कि सामाजिक सुरक्षा निदेशालय में निदेशक का पद रिक्त है। पूर्व निदेशक समीरा एस का तबादला पलामू डीसी के रूप में हो गया है और अब तक किसी नए अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई है। जैसे ही निदेशक की नियुक्ति होगी, किस्त ट्रांसफर होने की उम्मीद की जा रही है।
क्या एक साथ मिलेंगी मई और जून की दोनों किस्तें?
विभागीय सूत्र यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि 5000 रुपए एक साथ (दो माह की राशि) ट्रांसफर होंगे या सिर्फ 2500 रुपए ही दिए जाएंगे। अप्रैल माह की किस्त तो मई के अंतिम सप्ताह में ट्रांसफर हो चुकी है, लेकिन मई-जून की किस्तों पर अभी भी संशय बना हुआ है।
राशि जारी करने का डेडलाइन अक्सर क्यों फेल होता है?
मई माह की किस्त की प्रक्रिया 30 मई को शुरू हुई थी, जबकि इसे 15 मई तक ट्रांसफर होना था। यह पहली बार नहीं है जब सरकार की ओर से किस्त ट्रांसफर का डेडलाइन फेल हुआ हो। इस बार भी 15 जून तक किस्त ट्रांसफर की संभावना बेहद कम दिख रही है।
क्या है मंईयां सम्मान योजना की पृष्ठभूमि?
योजना की शुरुआत जुलाई 2024 में हुई थी। शुरुआत में महिलाओं को ₹1000 प्रति माह दिए जाते थे। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार ने इस राशि को ₹2500 प्रति माह कर दिया। 6 जून 2024 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहली बढ़ी हुई किस्त 56 लाख से अधिक लाभुकों को जारी की। बाद में फर्जीवाड़ा उजागर होने पर फिजिकल वेरिफिकेशन और आधार सीडिंग जरूरी कर दी गई।
मार्च में भी मिल चुकी है बड़ी सौगात
होली से पहले, जनवरी, फरवरी और मार्च की ₹7500 की सामूहिक किस्त 37.55 लाख लाभुकों के खाते में ट्रांसफर की गई थी। बाद में आधार सत्यापन के बाद 5.52 लाख और लाभुकों को भी तीन माह की राशि दी गई, जिससे कुल लाभुकों की संख्या 43 लाख से अधिक हो गई है।