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JPSC Exam Result : दादी की जिद बनी प्रेरणा, पहले प्रयास में ही अंकित ने जेपीएससी में लाया 19वां रैंक

by Rakesh Pandey
JPSC Exam Result
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कोडरमा : विपरीत परिस्थितियों और पारिवारिक संघर्षों के बीच पढ़ाई कर अंकित राज ने जेपीएससी-2023 में 19वीं रैंक हासिल कर मिसाल कायम की है। पहले ही प्रयास में यह उपलब्धि हासिल कर अंकित ने साबित कर दिया कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।

अपनी दादी के साथ अंकित राज (बचपन की फोटो

JPSC Exam Result : बचपन में खो दिया था पिता का साया, नहीं मानी हार

कोडरमा जिले के डोमचांच प्रखंड के भेलवाटांड गांव निवासी अंकित के सिर से पिता का साया वर्ष 2001 में ही उठ गया था। मां सुमित्रा देवी के अलावा बड़ी मां सीता देवी और बड़े पापा त्रिवेणी मोदी ने हमेशा उसका ध्यान रखा। अंकित की दादी फुलवंती देवी हमेशा चाहती थीं कि उनका पोता पढ़-लिखकर कुछ बड़ा बने। उनकी जिद ही अंकित के लिए प्रेरणा बनी। हालांकि दादी और बड़े पापा का 2018 में निधन अंकित के लिए अपूरणीय क्षति थी। यह उनके लिए बड़े झटके की तरह था, जिससे वह बड़ी मुश्किल से उबर पाए।

शिक्षा के लिए ट्यूशन पढ़ाया, जमीन भी बेचनी पड़ी

अंकित की पढ़ाई की राह आसान नहीं रही। अपना बचपन उन्होंने जयनगर में फूफा बिनोद बरनवाल के यहां बिताया। वहां से नर्सरी तक की पढ़ाई की। इसके बाद तिलैया से पांचवीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद अपने घर भेलवाटांड़-डोमंचाच में रहकर दसवीं तक की पढ़ाई की। दसवीं में अच्छे अंक के आधार पर साइंस कालेज हजारीबाग में दाखिला मिल गया। वहां से 12वीं साइंस की पढ़ाई की और राज्य में दसवां स्थान प्राप्त किया। अपने खर्च के लिए उन्होंने होम ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया। हर दिन तीन से चार घंटे ट्यूशन पढ़ाने में बीत जाते थे और शेष समय खुद की तैयारी में लगाते। दादी व बड़े पापा के गुजर जाने के बाद घर चलाने व पढ़ाई के लिए जमीन तक बेचनी पड़ी।

लाॅकडाउन में घर में रहकर की तैयारी

कोरोना लॉकडाउन के दौरान अंकित घर लौटे और यूट्यूब व फ्री ऑनलाइन संसाधनों की मदद से तैयारी की। सोशल मीडिया से दूरी बनाकर, मोबाइल में टाइमर लगाकर वे फोकस बनाए रखते थे। इस साल उन्होंने बीपीएससी मेंस भी लिखा है। वहीं वह यूपीएससी मेन्स दो बार लिख चुके हैं।

हर दिन मां को बताते थे पढ़ाई का रूटीन

अंकित के अनुसार, वे हर दिन पढ़ाई और मोबाइल उपयोग का लेखा-जोखा अपनी मां को देते थे, ताकि अनुशासन बना रहे। वे हर दिन कम से कम आठ घंटे पढ़ाई करते और परीक्षा के तीन महीने पहले इंटरनेट मीडिया से पूरी तरह दूरी बना ली थी। वह पढ़ाई के दौरान कई बार इंटरनेट मीडिया देखते थे, लेकिन उन्होंने एप में 15 मिनट का टाइमर लगा रखा था, जिससे 15 मिनट बाद वह खुद ही बंद हो जाता था।

अंकित का युवाओं को संदेश

खुद पर भरोसा रखें और पढ़ाई के प्रति ईमानदार रहें। ऐसा न लगे कि मैं ये करता तो शायद सफल हो जाता। हर दिन का रूटीन बनाएं और उस पर अमल करें। मां-बाप को भी अपने दिनचर्या की जानकारी दें। मोबाइल फोन का सीमित और सकारात्मक उपयोग करें। इंटरनेट मीडिया से जितना दूर रहें, उतना अच्छा। मेहनत का फल जरूर मिलता है, बस डटे रहिए।

शुरुआती शिक्षा से लेकर जेपीएससी तक का सफर

-10वीं (2015) : श्री महेश एकेडमी विद्यालय, 85% अंक
-12वीं (2017) : हजारीबाग इंटर साइंस कालेज, 87.6% अंक,
-स्नातक (2020) : सेंट कोलंबस कालेज, फिजिक्स आनर्स CGPA 8.3
-स्नातकोत्तर (2022) : विनोबा भावे विश्वविद्यालय, फिजिक्स CGPA 7.8

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