RANCHI (JHARKHAND): झारखंड के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार की ओर से एक और कदम उठाया गया है। जिसके तहत लापुंग प्रखंड के मालगो लैंप्स क्षेत्र के रायटोली गांव में लाह उत्पादन पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम और टूल किट्स वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन सिद्धो-कान्हो कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ (सिद्धको फेड) के द्वारा किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की शामिल हुईं। उन्होंने किसानों को लाह उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि अब केवल खेत नहीं, पेड़ भी किसानों की आय का मजबूत साधन बन सकते हैं। मौके पर आईआईएनआरजी के वैज्ञानिक डीके सिंह और कई स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
लाह उत्पादन का दिया गया प्रशिक्षण
इस मौके पर 191 किसानों को लाह उत्पादन का प्रशिक्षण दिया गया और उन्हें जरूरी टूल किट्स भी प्रदान की गई। टूल किट में 5 किलो लाह बीज, कटाई व सुरक्षा उपकरण शामिल थे। कृषि मंत्री ने कहा कि लाह की खेती इस दिशा में एक सफल प्रयोग साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड देश का सबसे बड़ा लाह उत्पादक राज्य है और लाह के जरिये ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।
एक पेड़ से 25 किलो लाह का उत्पादन
उन्होंने बताया कि एक पेड़ से लगभग 25 किलो तक लाह का उत्पादन संभव है, जिससे अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि लाह उत्पादन से गांव से पलायन को भी रोका जा सकता है। सिद्धको फेड के सचिव राकेश कुमार सिंह ने कहा कि लाह को अब कृषि का दर्जा मिल चुका है, जिससे इसके उत्पादन और प्रशिक्षण को बढ़ावा मिलेगा। सिद्धको फेड का लक्ष्य है कि राज्य के 10,000 किसानों को लाह उत्पादन में प्रशिक्षित किया जाए।
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