रांची: झारखंड के बहुचर्चित 100 करोड़ रुपये के शराब घोटाला (Liquor Scam) मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए IAS अधिकारी विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद दोनों को 15 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
गिरफ्तारी पर आपत्ति, हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
IAS विनय चौबे के अधिवक्ता देवेश आजमानी ने गिरफ्तारी पर सवाल खड़ा करते हुए झारखंड हाईकोर्ट में आपत्ति याचिका दाखिल की है। उन्होंने कहा कि ACB ने विनय चौबे को गिरफ्तारी का स्पष्ट आधार बताए बिना हिरासत में लिया, जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन है। देवेश आजमानी ने कहा, “हमें यह तक नहीं बताया गया कि किन धाराओं या आरोपों के तहत विनय चौबे को गिरफ्तार किया गया है। यह पूरी प्रक्रिया गैरकानूनी और मनमानी है।”
उत्पाद विभाग के सचिव रहे थे विनय चौबे
सूत्रों के अनुसार, विनय चौबे उस वक्त उत्पाद विभाग के सचिव के पद पर तैनात थे, जब इस शराब घोटाले की कथित अनियमितताएं सामने आई थीं। ACB ने मंगलवार सुबह अशोक नगर स्थित उनके आवास पर छापेमारी की और पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई। पूछताछ के बाद मेडिकल जांच कराकर उन्हें कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
क्या है शराब घोटाला मामला?
झारखंड का यह बहुचर्चित शराब घोटाला तब उजागर हुआ, जब उत्पाद विभाग के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं की शिकायतें मिलीं। जांच के दौरान सामने आया कि सरकार को करोड़ों का राजस्व नुकसान हुआ। इसी मामले में अब तक कई अधिकारियों और ठेकेदारों से पूछताछ हो चुकी है।