तेलंगाना: तेलंगाना के नगरकुरनूल जिले में एक बड़ा हादसा हुआ है, जब एसएलबीसी सुरंग के निर्माण कार्य के दौरान सुरंग की छत का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। इस हादसे में 7 मजदूर फंस गए हैं, जबकि कई अन्य श्रमिकों को बचा लिया गया है। यह घटना शनिवार सुबह अमराबाद मंडल के डोमलपेंटा इलाके में हुई, जहां सुरंग की छत का तीन मीटर हिस्सा गिरने से बड़ी दुर्घटना हो गई। इस घटना के बाद इलाके में भारी हड़कंप मच गया है और बचाव अभियान तुरंत शुरू कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से फोन पर बात कर एसएलबीसी सुरंग में फंसे कर्मियों के बचाव कार्य पर चर्चा की। मोदी ने मुख्यमंत्री को यह आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
हादसा कैसे हुआ?
एसएलबीसी सुरंग परियोजना को तेज़ी से पूरा करने के लिए चार दिन पहले ही निर्माण कार्य को फिर से शुरू किया गया था। रविवार की सुबह करीब 8:30 बजे सुरंग में मलबा गिरने से दहशत फैल गई। यह हादसा सुरंग के भीतर काम कर रहे श्रमिकों के लिए अचानक आया। घटना के समय 50 श्रमिक काम पर थे, जिसमें से 43 लोग सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे, जबकि 7 श्रमिक सुरंग में फंस गए।
मलबा गिरने से तीन श्रमिक गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें तुरंत स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल, बचाव कार्य जारी है, और अधिकारियों का मानना है कि फंसे हुए श्रमिकों को जल्द ही सुरक्षित बाहर निकाला जाएगा।
एसएलबीसी सुरंग परियोजना का उद्देश्य
एसएलबीसी सुरंग परियोजना का मुख्य उद्देश्य तेलंगाना के सूखाग्रस्त नलगोंडा जिले को पानी की आपूर्ति करना है। इस परियोजना के तहत श्रीशैलम परियोजना के बैकवाटर से पानी निकालने का कार्य किया जा रहा है, जिससे इलाके में सिंचाई और पेयजल की सुविधा सुनिश्चित की जा सके। इस सुरंग के निर्माण में हो रही देरी और हादसे के बावजूद, परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश की जा रही है ताकि लोगों को पानी की कमी से जूझने न पड़े।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
घटना पर राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने दुख जताया है और अधिकारियों को बचाव कार्यों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया कि सुरंग में हादसे की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को त्वरित रूप से मौके पर भेजने के आदेश दिए हैं। जिला कलेक्टर, एसपी, अग्निशमन सेवा विभाग और अन्य विभागों को राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए कहा गया है।
तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी भी मौके पर पहुंचने के लिए विशेष हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने सिंचाई विभाग के सलाहकार आदित्यनाथ दास के साथ बचाव कार्य की निगरानी की। केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने भी इस दुर्घटना पर दुख व्यक्त किया और अधिकारियों से सुरंग की छत ढहने के कारणों के बारे में जवाब मांगा। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे फंसे हुए श्रमिकों को जल्दी से जल्दी सुरक्षित बाहर निकालें और घायलों को उचित इलाज प्रदान करें।
फंसे हुए मजदूरों की पहचान
गुरजीत सिंह (पंजाब)
सनित सिंह (जम्मू-कश्मीर)
श्रेनिवासुलु, मनोज रुबेना (उत्तर प्रदेश)
संदीप, संतोष, जटका हीरन (झारखंड)
इन सभी मजदूरों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव अभियान में भारी मशक्कत की जा रही है।
बचाव कार्य की चुनौती
मलबे के नीचे फंसे मजदूरों को निकालने के लिए बचाव दल ने सुरंग के अंदर और आसपास की सड़ी हुई संरचनाओं को हटाना शुरू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, वे धीरे-धीरे मलबे को हटाकर मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। बचाव कार्य में हैवी मशीनरी का भी उपयोग किया जा रहा है, लेकिन मलबा बहुत भारी और जगह संकरी होने के कारण काम में समय लग रहा है। हालांकि, प्रशासन और पुलिस की पूरी टीम सक्रिय रूप से बचाव कार्य में लगी हुई है।