रांची: झारखंड में फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए राज्य सरकार ने सोमवार को मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम की शुरुआत कर दी है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने वर्चुअल माध्यम से किया। इस अवसर पर अभियान निदेशक एनएचएम अबू इमरान ने दवा खाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए भारत सरकार हर संभव वित्तीय और तकनीकी सहयोग प्रदान करेगी। लेकिन इसके लिए राज्य को भी सक्रिय रूप से कार्य करना होगा। उन्होंने आयुष्मान आरोग्य मंदिर और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ लेने की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही कहा कि फाइलेरिया को किसी भी हाल में बढ़ने से रोकना होगा। इसके लिए उन्होंने दवा प्रशासकों को निर्देश दिया कि वे जनसमुदाय को दवाएं सुनिश्चित रूप से खिलाएं और इसके लिए विभिन्न विभागों का सहयोग लिया जाए।
14 जिलों में एक साथ चलेगा अभियान
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि फाइलेरिया एक गंभीर रोग है और इसके उन्मूलन के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि राज्य के 14 फाइलेरिया प्रभावित जिलों के 91 प्रखंडों में एमडीए कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। 11 जिले पूर्वी सिंहभूम, बोकारो, देवघर, धनबाद, रांची, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, लोहरदगा, रामगढ़ और साहिबगंज में डीईसी और अल्बेंडाजोल की दो दवाएं लोगों को खिलाई जाएगी। वहीं 3 जिलों सिमडेगा, पाकुड़ और कोडरमा में तीन दवा डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन के साथ अभियान चलाया जाएगा।
पूरी तरह सुरक्षित है दवाएं
उन्होंने यह भी कहा कि दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उन्हें स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही लिया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार लोगों को छोड़कर सभी को फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करने की सलाह दी। स्वास्थ्य मंत्री ने इस कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार के लिए डिजिटल माध्यमों के उपयोग पर जोर दिया। उन्होंने जनसमुदाय से आग्रह किया कि वे स्वयं दवाएं खाएं और दूसरों को भी प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम की सफलता में जन सहभागिता महत्वपूर्ण होगी, ताकि झारखंड को जल्द से जल्द फाइलेरिया मुक्त बनाया जा सके।
ये रहे मौजूद इस कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा श्री अजय कुमार सिंह, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. बीरेन्द्र कुमार सिंह के अलावा विभिन्न राज्य और राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।