

RANCHI: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्रेस वार्ता पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि 130वां संविधान संशोधन विधेयक पूरी तरह संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करता है। यह भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एक बड़ा कदम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है और इसे असंवैधानिक बताना जेएमएम नेताओं की संवैधानिक समझ पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है।

अजय साह ने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है जब संवैधानिक नैतिकता के आधार पर कानून बनाया जा रहा है, जो संविधान निर्माताओं की सोच और दृष्टि के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि जिस नैतिक राजनीति की नींव पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने रखी थी, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ाया जा रहा है।

इसके विपरीत, उन्होंने इंदिरा गांधी के दौर का उदाहरण देते हुए कहा कि 39वें संविधान संशोधन के जरिए उन्होंने खुद को न्यायिक जांच प्रक्रिया से ऊपर रखने की कोशिश की थी, जबकि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद को भी इस कानून के दायरे में लाकर ऐतिहासिक उदाहरण पेश किया है।

भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की तैयारी
प्रदेश प्रवक्ता ने जोर देते हुए कहा कि इस विधेयक के लागू होने के बाद मुख्यमंत्री और मंत्री जेल के भीतर से सरकार नहीं चला पाएंगे। यह भ्रष्टाचार पर नकेल कसने की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगा। उन्होंने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि जब वे खुद सत्ता में थे तब ऐसे संशोधनों का समर्थन करते थे, लेकिन आज पारदर्शी और जवाबदेह व्यवस्था के खिलाफ खड़े हैं।
अजय साह ने कहा कि जिन नेताओं को अपने काले कारनामों के उजागर होने और सजा मिलने का डर है, वही इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि जनता और हर जागरूक नागरिक इस विधेयक का समर्थन कर रहा है क्योंकि यह लोकतंत्र को और मजबूत बनाने वाला है। उन्होंने दोहराया कि भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संवैधानिक मूल्यों को सुदृढ़ करने, शासन में पारदर्शिता लाने और भ्रष्टाचार मुक्त भारत की दिशा में पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
