पटना : बिहार में 43 साल बाद अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन आयोजित हो रहा है। यह सम्मेलन आज से दो दिवसीय कार्यक्रम के रूप में शुरू हो रहा है। 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में देशभर से विधानसभा अध्यक्ष और अन्य प्रमुख विधायिका के पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य संसद और राज्य विधानसभाओं के कामकाज पर विचार करना और उनके कार्यों को बेहतर बनाने के उपायों पर चर्चा करना है।
आधिकारिक उद्घाटन और उपस्थित अतिथि
इस सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य प्रमुख नेता और विधायिका के सदस्य उपस्थित रहेंगे। ओम बिरला 19 जनवरी की शाम को ही पटना पहुंच चुके हैं और बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव तथा विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने उनका स्वागत किया। यह सम्मेलन 43 वर्षों बाद बिहार में आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले यह सम्मेलन 1982 में पटना में हुआ था, जबकि इससे पहले 1964 में भी इसी तरह का सम्मेलन आयोजित हुआ था।
सम्मेलन की विस्तृत कार्यसूची
20 जनवरी को सम्मेलन का कार्यक्रम सुबह 10 बजे से शुरू होगा। सबसे पहले सभी पीठासीन अधिकारी और उनके परिवार के सदस्य राज भवन में नाश्ते के लिए एकत्रित होंगे। इसके बाद 10.15 बजे विधानसभा के सेंट्रल हॉल में सभी अतिथियों का स्वागत किया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 10.35 बजे विधानसभा पहुंचेंगे, जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा और फिर एक सामूहिक फोटोग्राफी होगी। इस कार्यक्रम की शुरुआत 12 बजे से नेशनल एंथम के साथ होगी।
सम्मेलन में मुख्य संबोधन और चर्चा
सम्मेलन में सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव का संबोधन होगा, इसके बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, डिप्टी चेयरमैन राज्यसभा हरिवंश और अंत में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला अपने विचार रखेंगे।
कार्यक्रम के समापन के समय विधानसभा उपाध्यक्ष नरेंद्र नारायण यादव धन्यवाद ज्ञापन करेंगे। लंच के बाद, पीठासीन अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण सत्र का आयोजन होगा, जिसमें ‘विधानसभा में संविधान की 75वीं वर्षगांठ: संवैधानिक मूल्यों को सुदृढ़ करने में संसद और राज्य विधायी निकायों का योगदान’ विषय पर चर्चा की जाएगी। यह सत्र दोपहर 2.30 बजे से शुरू होगा और 4 बजे तक चलेगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति की स्थिति
दिलचस्प बात यह है कि सम्मेलन के पोस्टर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम भी शामिल है, लेकिन उनके संबोधन का कोई कार्यक्रम नहीं रखा गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज प्रगति यात्रा के तहत सुपौल में रहेंगे। हालांकि, इस सम्मेलन में उनकी उपस्थिति की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन उनके नाम को शामिल करना इस बात को दर्शाता है कि राज्य सरकार के लिए यह आयोजन कितना महत्वपूर्ण है।
अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन का महत्व
यह सम्मेलन न केवल राज्य विधायिकाओं के कार्यों पर विचार-विमर्श के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, बल्कि यह विधायिका की कार्यप्रणाली में सुधार और संविधान के मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है। सम्मेलन में होने वाली चर्चाओं से विधायिकाओं के बेहतर संचालन और प्रगति की दिशा तय हो सकती है, जिससे लोकतंत्र के सशक्तीकरण में मदद मिल सकती है।
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