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आजम खान को सता रहा ‘एनकाउंडर’ का डर, बाप-बेटे अलग-अलग जेल में हुए शिफ्ट

by Rakesh Pandey
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लखनऊ : सब समय-समय की बात है। दूसरों में डर पैदा करनेवालों को भी डर लग सकता है। अब उत्तर प्रदेश के कद्दावर नेता आजम खान को ही लीजिए। इन दिनों इन्हें एनकाउंटर का डर सता रहा है। पुलिस गाड़ी में बैठने की बात आने पर वह खौफजदा हो जा रहे हैं। उन्हें लगता है कि कहीं जान न चली जाए। ऐसा कोई एक बार नहीं बल्कि बार-बार हो रहा है। रविवार को भी ऐसा ही हुआ। फिर उन्होंने साफ-साफ कहा कि उनका एनकाउंटर हो सकता है।

न्यायालय ने सुनाई है सात-सात साल की सजा

दरअसल, समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्लाह और पत्नी तंजीन फातिमा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में इन दिनों जेल में बंद हैं। यह आरोप लगा था कि कि अब्दुल्लाह ने दो डेट के जन्मप्रमाण पत्र इस्तेमाल किए। इस मामले में 18 अक्टूबर को रामपुर कोर्ट ने आजम परिवार को दोषी करार दिया था और 7-7 साल के कारावास की सजा सुनाई है। एक ही जेल में बंद चल रहे आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह को रविवार की सुबह अलग-अलग जेलों में शिफ्ट कर दिया गया।

आजम को सीतापुर, अब्दुल्लाह को भेजा गया हरदोई जेल

अबतक दोनों रामपुर जिला जेल में बंद थे। रविवार की सुबह बाप-बेटे को अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया। इस शिफ्टिंग मेंआजम खान को सीतापुर जेल और अब्दुल्लाह को हरदोई जेल भेजा गया है। जेल की अदला-बदली किए जाने के दौरान भी आजम खान काफी नाराज दिखे। पुलिस आजम और उनके बेटे को अलग-अलग गाड़ी में बिठा रही थी। इस दौरान आजम ने वहां मौजूद लोगों से कह डाला, “हमारा एनकाउंटर भी हो सकता है। आप लोग…। कुछ भी हो सकता है। इसी दौरान पुलिस ने अब्दुल्लाह को कैदी वैन में बिठाया तो आजम खान अपने बेटे को देखने पहुंचे। अब्दुल्लाह जब कैदी वैन में बैठ गए तो आजम ने कहा कि इसे दो चादरें और एक जैकेट भिजवा देना।

बीच की सीट पर बैठने से किया इंकार, खिड़की की ओर बैठे

इसके बाद पुलिस अधिकारी आजम खान को उस गाड़ी की ओर ले गए जिस गाड़ी से उन्हें सीतापुर जेल के लिए भेजा जाना था। पुलिस अधिकारी आजम खान को बोलेरो के पास ले गए और बीच की सीट पर बिठाने के लिए दरवाजा खोला। यह देखकर आजम खान बोले, “बीच में नहीं बैठ पाऊंगा। बिल्कुल नहीं, बीमार आदमी हूं। मेरी कमर ही नहीं है इस लायक, मैं बीच में नहीं बैठूंगा। आप हमारी सेहत का तो खयाल करो।” उन्होंने कहा, “मैं बीच में नहीं बैठ सकता। हाथ-पैर तोड़कर ले जाओ यह दूसरी बात है।” पुलिस अधिकारियों के कहने पर आजम बोलेरो में खिड़की साइड बैठ गए, लेकिन बीच में जाने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद पुलिस अधिकारी ने उन्हें साइड में ही बैठने दिया और सीतापुर जेल ले गए।

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