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इसरो करेगा साल की शुरुआत नए अंतरिक्ष मिशन के साथ, लॉन्च होंगे उपग्रह

by Rakesh Pandey
XPOSAT Launching
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टेक्नोलॉजी डेस्क : नए साल के पहले दिन इसरो नया इतिहास रचने जा रहा है। (XPOSAT Launching) चार भारतीय अंतरिक्ष स्टार्टअप सोमवार को इसरो के पीएसएलवी-सी58 मिशन के तहत अंतरिक्ष में एंट्री करेंगे, जो पेलोड लॉन्च करेंगे। ये माइक्रोसैटेलाइट सबसिस्टम, थ्रस्टर या छोटे इंजन को दर्शाएंगे, जो उपग्रहों को लक्षित कक्षाओं और रेडिएशन शील्ड कोटिंग में रखते हैं।

साल के पहले ही दिन होगा प्रक्षेपण

सोमवार को साल के पहले ही दिन पीएसएलवी-सी58 एक्सपीओसैट, एक एक्स-रे पोलारिमीटर उपग्रह और 10 अन्य पेलोड प्रक्षेपित करेगा। (XPOSAT Launching) उलटी गिनती के दौरान चार चरणों वाले वाहन में प्रणोदक भरने का कार्य होगा। इसमें ठोस और तरल ईंधन हैं। इसरो ने बताया कि 44.4 मीटर लंबा पीएसएलवी-सी58 अपनी 60वीं उड़ान में 260 टन भार के साथ सोमवार को शार रेंज के पहले लांचपैड से उड़ान भरेगा।

XPOSAT को लेकर रॉकेट PSLV-C58 जाएगा

रॉकेट PSLV-C58, जो XPOSAT को ले जाएगा, मुख्य उपग्रह को वांछित कक्षा में स्थापित करने के बाद अपने अंतिम चरण में 10 अन्य पेलोड को भी होस्ट करेगा। XPOSAT का पूरा नाम एक्स-रे पोलरिमेट्री सैटेलाइट है। XPOSAT मिशन भारत का पहला और दुनिया का दूसरा डेडिकेटिज पोलारिमेट्री मिशन है। (XPOSAT Launching) इससे पहले सिर्फ 2021 में नासा के इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर (IXPE) लॉन्च किया था।

XPOSAT Launching: क्या है XPOSAT का लक्ष्य

XPOSAT का लक्ष्य ब्रह्मांड में 50 सबसे चमकीले ज्ञात स्रोतों का अध्ययन करना है, जिसमें पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बायनेरिज, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक, न्यूट्रॉन सितारे और गैर-थर्मल सुपरनोवा अवशेष शामिल हैं। इस मिशन का उद्देश्य तीव्र एक्स-रे सोर्स के ध्रुवीकरण का पता लगाना है, जो एक्स-रे एस्ट्रोनॉमी में एक नया आयाम पेश करेगा। एक्स-रे ध्रुवीकरण आकाशीय स्रोतों के विकिरण तंत्र और ज्योमेट्री की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण डायग्नोस्टिक टूल के रूप में काम करता है। इस मिशन के जरिए इसरो 5 सालों तक डेटा कलेक्ट करता रहेगा। (XPOSAT Launching)

साल 2024 में सूर्य मिशन

चंद्रमा पर सफलता पूर्वक चंद्रयान भेजने वाला इसरो अब सूर्य मिशन के लिए भी इस साल तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही मानव मिशन की भी तैयारी है। इसके लिए भी प्रक्षेपण और प्रशिक्षण का काम जारी है। इसरो 2024 में सूर्य अन्वेषण मिशन का सफल बनाने के लिए लगा हुआ है। अब पीएसएवीसी58/एक्सपीओसैट मिशन के प्रक्षेपण के लिए पूरी तरह तैयार है।

ब्लैक होल के रहस्यों का लगाएगा पता

ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी)-सी58 रॉकेट अपने 60वें अभियान पर प्रमुख पेलोड ‘एक्सपोसैट’ और 10 अन्य उपग्रह लेकर जाएगा, जिन्हें पृथ्वी की निचली कक्षाओं में स्थापित किया जाएगा। चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर पूर्व में स्थित अंतरिक्ष केंद्र से नए साल के पहले दिन सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर होने वाले प्रक्षेपण के लिए 25 घंटे की उलटी गिनती रविवार को शुरू हुई। इसरो सूत्रों ने कहा, “पीएसएलवी- सी58 के लिए आज सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर उलटी गिनती शुरू हुई।“ एक्स-रे पोलरिमीटर सैटेलाइट’ (एक्सपोसैट) एक्स-रे स्रोत के रहस्यों का पता लगाने और ‘ब्लैक होल’ की रहस्यमयी दुनिया का अध्ययन करने में मदद करेगा।

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