नई दिल्ली/Owaisi : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस बार 400 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऐसे में उनका एक-एक सीट पर विशेष ध्यान है और उसके अनुसार ही रणनीति भी तैयार की गई है। इस बार भाजपा ने हैदराबाद लोकसभा सीट से एक सशक्त प्रत्याशी माधवी लता को मैदान में उतारा है, जो ओवैसी को कड़ी टक्कर दे रही है।
माधवी लता एक अलग अंदाज में प्रचार कर रही हैं, जिससे विरोधी खेमे की परेशानी बढ़ गई है। ऐसे में इस बार हैदराबाद की लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है। अब देखना होगा कि इस बार भी ओवैसी रहेंगे या फिर निजाम बदलेगा।
Owaisi: मतदाता सूची से पांच लाख 41 हजार नाम कटे
हैदराबाद मुस्लिम बहुल सीट है, लेकिन मतदाता सूची से इस बार पांच लाख 41 हजार वोटों के कम हो जाने से विरोधी खेमे में बेचैनी बढ़ गई है। वहीं, माधवी लता के प्रचार-प्रसार करने का अंदाज भी सबसे अलग है, जिससे विरोधी खेमे की चिंता बढ़ गई है। इस बार ओवैसी को भी काफी पसीना बहाना पड़ रहा है।
क्या कहता है समीकरण
हैदराबाद लोकसभा सीट पर अभी तक कुल 17 बार चुनाव हुए हैं। इसमें 10 बार ओवैसी परिवार की जीत हुई है, जबकि सात बार अन्य प्रत्याशी को मौका मिला है। 1984 में असदुद्दीन ओवैसी के पिता सलाहुद्दीन ओवैसी ने पहली बार कांग्रेस की जीत के सिलसिले पर ब्रेक लगाया था। उसके बाद लगातार छह चुनाव उन्होंने जीते। वहीं, चार चुनाव से असदुद्दीन ओवैसी जीतते आ रहे हैं।
भाजपा प्रत्याशी माधवी लता कौन हैं
भाजपा प्रत्याशी माधवी लता असदुद्दीन ओवैसी को कड़ी टक्कर दे रही हैं। माधवी प्रखर हिंदू नेता के साथ सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी जानी जाती है। इसके साथ ही वे गौशाला भी चलाती हैं। मुस्लिम महिलाओं के सुख-दुख में भी खड़ी रहती हैं। इस कारण से उनकी मुस्लिम समाज में भी अच्छी पैठ है और इसी कारण से विरोधी खेमे में बेचैनी बढ़ गई है। माधवी लता स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी काफी कम कर चुकी हैं। वहां के कई लोगों को लाभ दिला चुकी हैं।
छह सीटों पर ओवैसी का कब्जा
हैदराबाद संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की कुल सात सीटें हैं। इसमें छह पर ओवैसी का कब्जा है। ऐसे में माधवी लता की राह आसान नहीं है। यहां मुस्लिमों की आबादी लगभग 59 प्रतिशत है, जबकि हिंदू 35 और शेष अन्य हैं।
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