सेंट्रल डेस्क। दिल्ली में बस मार्शल की बहाली के मुद्दे पर आज हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। गौरतलब है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी आज आप और बीजेपी विधायकों के साथ मिलकर बस मार्शलों की बहाली के लिए कैबिनेट नोट सौंपने वाली थी। इसके बाद इसपर उपराज्यपाल वीके सक्सेना की मंजूरी भी लेनी थी। मंजूरी के लिए वे एलजी कार्यालय पहुंची। आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी विधायक सचिवालय छोड़कर भागने लगे।
बीजेपी विधायकों ने किया मौके से निकल भागने का प्रयास
बीजेपी के विधायको को वहां से निकलने की कोशिश करते देख सौरभ भारद्वाज ने इनके पैर पकड़े औऱ उन्हें रोका। आप का कहना है कि बस मार्शलों की बहाली के लिए बीजेपी विधायकों के समक्ष कैबिनेट नोट पास करके उसे लेकर मुख्यमंत्री आतिशी और आप के अन्य मंत्रियों के साथ एलजी ऑफिस पहुंचे। इस दौरान बीजेपी विधायकों ने भागने का पूरा प्रयास किया। लेकिन आप के नेताओं और सौरभ भारद्वाज ने उन्हें रोक लिया।
क्या कहा आतिशी ने
इस पर आतिशी ने कहा कि बीजेपी की ओर से मुझसे मिलने का समय मांगा गया था। हमने उनसे मुलाकात की औऱ बस मार्शल से संबंधित सारी बातों की जानकारी उन्हें दी। यह मामला एलजी के अधीन आने वाले सेवा मामलों के अंतर्गत आता है। आगे आतिशी कहती है कि आज बीजेपी की पोल खुल गई। हमारी पूरी कैबिनेट वहां मौजूद थी, लेकिन बीजेपी वहां से भागने के फिराक में थी। बीजेपी को एलजी से इस संबंध में निर्णय लेने के लिए कहना चाहिए, क्योंकि यह उनके अधीन आता है। लेकिन बीजेपी इस मुद्दे पर राजनीति करना चाहती है औऱ इसलिए वे इससे भाग रहे है।
यह विश्वासघात है
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई और बस मार्शल को रेगुलर करने के लिए दिल्ली विधानसभा द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव पर साइन किए। लेकिन बीजेपी विधायक यहां पहुंचने के बाद भी इस मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं थे। यह तो बस मार्शल के साथ धोखा हुआ।
हमने अपने काम किए, अब बीजेपी की जिम्मेदारी
आतिशी ने बताया कि कैबिनेट द्वारा जो काम किए जाने थे, वो किए जा चुके है। अब बीजेपी का काम है बस मार्शल और नागरिक सुरक्षा स्वंयसेवकों को नियमित करना औऱ उन्हें ज्वाइनिंग लेटर वितरित करें। इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझे गर्व है अपने मंत्रियों पर जो लोगों का काम करवाने के लिए किसी के पैरों पर भी गिर जाती है। आगे उन्होंने कहा कि मेरी एलजी साहब औऱ बीजेपी वालों से विनती है कि इस मुद्दे पर अब और राजनीति न करें और तुरंत बस मार्शलों को बहाल करें।
हटाए गए थे दस हजार से अधिक स्वयंसेवक
गौरतलब है कि सार्वजनिक परिवहन बसों में मार्शल के रूप में तैनात 10 हजार से अधिक नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों को बीते वर्ष हटा दिया गया था, क्योंकि इस पर नागरिक सुरक्षा निदेशालय को आपत्ति थी। उनका कहना था कि इन्हें आपदा प्रबंधन कर्तव्यों के लिए नियुक्त किया गया है।
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