सेंट्रल डेस्क। डोनाल्ड ट्रंप दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर चुने जा चुके है। 6 जनवरी को नई कांग्रेस पार्टी आधिकारिक तौर पर ट्रंप के नाम की घोषणा करेगी औऱ फिर 20 जनवरी को ट्रंप शपथ लेंगे। इसके बाद वे ऑफिशियली व्हाइट हाउस में प्रवेश करेंगे। इसके बाद चयन होगा ट्रंप के कैबिनेट को संभालने वाले वफादार अधिकारियों का।
कैबिनेट में कौन-कौन हो सकते हैं शामिल
कैबिनेट में कौन शामिल होगे, इस पर अभी से चर्चा शुरू हो गई है। इस फेहरिस्त में कुछ नाम है, जैसे कश्यप पटेल, उषा वांस और विवेक रामास्वामी। ये कुछ चेहरे है, जिनकी ट्रंप कैबिनेट में शामिल होने की संभावना है। भारतीय मूल के कश्यप (काश) पटेल को ट्रंप के वफादारों की सूची में गिना जाता है। कश्यप वर्तमान में अमेरिका के केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) के डायरेक्टर पद के लिए रेस में सबसे आगे चल रहे है।
कौन है कश्यप पटेल
कश्यप रिपब्लिकन पार्टी के पूर्व कर्मचारी है। 2017 में जब ट्रंप पहली बार प्रेसीडेंट ऑफ अमेरिका बने थे, तब कश्यप ने रक्षा और खुफिया विभाग में हाई रैंक स्टाफ की भूमिका निभाई थी। पटेल तब भी दिखाई दिए थे, जब वो रिपब्लिकन पार्टी के लिए कैंपेन जुटाने में लगे थे। कार्यवाहक रक्षा सचिन क्रिस्टोफर मिलर के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ के तौर पर भी कश्यप ने काम किया है।
कश्यप का जन्म 25 फरवरी 1980 को न्यूयॉर्क में एक भारतीय अप्रवासी परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता का रिश्ता भारत में गुजरात से जुड़ा है। कश्यप पटेल ने रिचमंड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की और लंदन कॉलेज से कानून की पढ़ाई की हैं। शुरूआती दौर में उन्हें लॉ फर्म में काम मिलने में बहुत मुश्किलें हुई। इसके बाद उन्होंने सरकारी वकील के रूप में काम करना शुरू किया। शुरूआत में कश्यप ने हत्या, ड्रग्स तस्करी और वित्तीय अपराधों सहित कई जटिल मामलों को संभाला। इसके बाद वे न्याय विभाग में आतंकवाद से जुड़े मामलों में काम करने लगे।
इसके बाद वे राष्ट्रीय खुफिया विभाग के प्रधान उप निदेशक के रूप में सेवाएं दी, जहां वे 17 खुफिया सामुदायिक एजेंसियों की देखरेख करते थे औऱ राष्ट्रपति को रोजाना इन मामलों की ब्रीफिंग देते थे। पिछली बार के ट्रंप सरकार के दौरान कश्यप पटेल को सीआईए में उप निदेशक के लिए विचार किया गया था। इसके बाद सीआईए चीफ जीना हास्टेल और अटॉर्नी जनरल के बीच कश्यप के अनुभवों को लेकर मतभेद के कारण यह बात टल गई। लेकिन सरकार छोड़ने के बाद भी कश्यप ट्रंप के एजेंडे को बढ़ावा देते आए है।
अब बात उषा वांस की
रिपब्लिकन पार्टी के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जेडी वांस की पत्नी उषा वांस भी भारतीय मूल की है। अब जब जेडी उपराष्ट्रपति होंगे, तो उषा सेकेंड लेडी बनेंगी। वर्तमान में वकील उषा की जड़ें आंध्र प्रदेश से जुड़ी है।
विवेक रामास्वामी, अरबपति कारोबारी
केरल के पलक्कड़ से रिश्ता रखने वाले विवेक रामास्वामी अमेरिका में एक अरबपति कारोबारी है। अमेरिका में उनकी फार्मास्युटिकल कंपनी है- रॉइव्ण्ट साइंसेज। उन्होंने भी रिपब्लिकन पार्टी के लिए उप राष्ट्रपति के उम्मीदवार के तौर पर अपनी दावेदारी पेश की थी। बाद में उन्होंने ट्रंप को समर्थन दिया औऱ दावेदारी वापस ले ली। रामास्वामी ट्रंप के चुनावी अभियान से भी जुड़े रहे।
अब चर्चा है कि ट्रंप कैबिनेट में उन्हें भी जगह मिल सकती है। ट्रंप की जीत पर उन्होंने कहा था कि मीडिया ट्रंप को गलत तरीके से पोर्ट्रे करती है, जबकि वे ऐसे नहीं है। रामास्वामी ने ट्रंप की जीत का जश्न भी मनाया।