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अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट, 23 प्रतिशत के निचले स्तर पर पहुंचे

अडानी ग्रुप के चेयरमैन और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप के कारण समूह की कंपनियों की साख पर असर पड़ता दिख रहा है। ऐसी घटनाएं निवेशकों का विश्वास, उनके वित्त विकल्पों की उपलब्धता और बाजार के संपूर्ण भावना के लिए हानिकारक बताई जा रही हैं।

by Reeta Rai Sagar
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सेंट्रल डेस्क: Adani Stock Crash: अमेरिका के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन द्वारा आज गौतम अडानी औऱ अडानी ग्रुप के अन्य अधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप लगाए जाने के बाद गुरूवार को अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। समूह के शेयरों में कुल 23 फीसदी की गिरावट आई।

एक दिन में 11.43 करोड़ रुपये तक गिरावट

न्यूयॉर्क स्थित न्यायालय से आए अपडेट के बाद से गौतम अडानी की अगुवाई वाली कंपनियां अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड और अडानी पोर्ट्स जैसी कंपनियों के शेयर बुरी तरह से धराशायी हो गए। अडानी ग्रुप की 10 सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा निवेशकों की जेब से करीबन 2.81 लाख रुपये उड़ा लिए है, इन शेयरों का बाजार पूंजीकरण एक दिन में 11.43 करोड़ रुपये तक गिर गया।

एक्सपर्ट्स की है अलग-अलग राय

हालांकि कुछ निवेशक इस असर को खरीदारी के रूप में देख रहे हैं। लेकिन मार्केट एक्सपर्ट्स की राय अलग-अलग है। कुछ का सुझाव है कि अडानी समूह के काउंटरों में किसी भी प्रकार की खरीदारी से बचना चाहिए जब कि अन्य का सुझाव है कि अधिक जोखिम उठाने की क्षमता रखने वाले इंवेस्टर्स उच्च बीटा वाले शेयरों का रूख कर सकते है।

रिश्वतखोरी के आरोप के कारण गिरे दाम

अडानी ग्रुप के चेयरमैन और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोप समूह की कंपनियों के लिए निगेटिव विकास की तरह सामने आई है। चॉइस ब्रोकिंग के वाइस प्रेसीडेंट जथिन कैथावलाप्पिल के अनुसार, इस घटना से गवर्नेंस का मसला उठना लाजिमी है, क्यों कि ऐसी घटनाएं निवेशकों का विश्वास, उनके वित्त विकल्पों की उपलब्धता और बाजार के संपूर्ण भावना के लिए हानिकारक है।

विशेषज्ञों की सलाह-निवेश से पहले कर लें जोखिम क्षमता का आकलन

आगे जथिन ने कहा कि यदि इस पर कंपनी की ओऱ से कोई स्पष्ट बयान नहीं आता है, तो शेयरों पर लगातार दबाव बना रह सकता है। क्योंकि जो बाजार के पुराने खिलाड़ी है, वो वर्तमान परिस्थिति पर नजरें टिकाएं रहेंगे। दूसरी ओर, अरिहंत कैपिटल मार्केट्स के रिसर्च हेड अभिषेक जैन ने बताया कि यह एक अवसर हो सकता है, समूह के कुछ शेयरों पर दाव लगाने का। क्योंकि अंबुजा सीमेंट, अडानी पोर्टस और एसीसी जैसे स्टॉक इन अश्थिरताओं के बीच भी टिके रह सकते है और लॉन्ग टर्म में फायदा पहुंचा सकते है।

जैन ने अडानी समूह के शेयरों पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अडानी पावर और अडानी विल्मर पर निवेशक जोखिम उठा सकते है, लेकिन अडानी इंटरप्राइजेज जैसे शेयरों से बचना ही मुनासिब होगा। निवेश से पहले निवेशकों को अपने जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन कर और बाजार की मौजूदा स्थिति को मापकर एक निहित नजरिया बनाने की जरूरत है।

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