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Baba Dham Deoghar : भक्तों की अटूट श्रद्धा, विदेशी मुद्रा और खास चढ़ावे से भरे दानपात्र, जानें 18 दान पात्रों में क्या-क्या और कितने लाख मिला चढ़ावा…

बाबा धाम आस्था का केंद्र

by Rakesh Pandey
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झारखंड : देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम (बाबा धाम) लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। यहां सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है। सावन के महीने में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, लेकिन सामान्य दिनों में भी यह मंदिर भक्तों से भरा रहता है।

सावन में रिकॉर्ड चढ़ावा

सावन के महीने में बाबा मंदिर को सबसे अधिक चढ़ावा मिलता है। इस वर्ष सावन में 10 करोड़ रुपये से अधिक का चढ़ावा प्राप्त हुआ। भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार मंदिर में दानपत्रों में चढ़ावा डालते हैं। समय-समय पर इन दानपत्रों को खोला जाता है और उनकी गिनती की जाती है।

18 दानपात्रों से मिले 15 लाख रुपये

27 नवंबर को बाबा धाम के परिसर में रखे 18 दानपात्रों को खोला गया। मंदिर प्रशासन की देखरेख में हुई इस गिनती में कुल 15 लाख 92 हजार 890 रुपये का चढ़ावा मिला। इसके अलावा, भक्तों द्वारा दिए गए 1,060 नेपाली रुपये, 8 अमेरिकी डॉलर, 40 कैनेडियन डॉलर, 10 भूटानी करेंसी और एक दुर्लभ 1918 का चांदी का सिक्का भी मिला।

गिनती में सुरक्षा और पारदर्शिता

दान की गिनती में मंदिर प्रशासन के साथ-साथ मजिस्ट्रेट और पुलिसकर्मी भी मौजूद रहते हैं। दान पात्रों में बड़ी मात्रा में सिक्के और नोट जमा होने के कारण गिनती में काफी समय लगता है।

बाबा बैद्यनाथ : मनोकामना लिंग

बाबा बैद्यनाथ धाम को मनोकामना लिंग कहा जाता है, क्योंकि यहां मांगी गई मन्नतें पूरी होने का विश्वास है। 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल यह मंदिर अपनी विशिष्ट परंपराओं के लिए भी प्रसिद्ध है।

पंचशूल का अनोखा महत्व

बाबा धाम की एक अनोखी विशेषता यहां स्थित पंचशूल है। अन्य ज्योतिर्लिंगों में भगवान शिव के पास त्रिशूल होता है, लेकिन यहां मंदिर के शिखर पर पंचशूल विराजमान है, जो इस मंदिर को और भी खास बनाता है।

श्रद्धा का सागर

बाबा धाम देश-विदेश के श्रद्धालुओं के लिए केवल पूजा का स्थल नहीं, बल्कि एक आस्था का सागर है। हर भक्त यहां अपनी मनोकामनाएं पूरी होने का विश्वास लेकर आता है और दिल खोलकर चढ़ावा देता है।

बाबा बैद्यनाथ धाम आस्था, परंपरा और भक्ति का एक अद्भुत संगम है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु इस धाम को एक पवित्र स्थान मानते हैं, जहां भक्ति के साथ दान का महत्व भी गहराई से जुड़ा हुआ है।

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