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गोरखपुर में क्यों हाउस अरेस्ट हुए कांग्रेसी? जानिए सरकार पर कांग्रेस ने क्या लगाया आरोप

कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, सुबह छह बजे ही भारी पुलिस बल घरों पर तैनात कर दिया गया था। किसी को भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई।

by Anurag Ranjan
जिला प्रशासन ने कई प्रमुख कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को नजरबंद कर दिया।
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गोरखपुर : अमटौरा जाने की तैयारी में जुटे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रविवार को हाउस अरेस्ट कर लिया। कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल अमटौरा गांव जाकर मृतक शिवधनी निषाद के परिवार से मुलाकात करने वाला था। लेकिन, जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए सभी कार्यकर्ताओं को उनके घरों में ही नजरबंद कर दिया। गौरतलब है कि शिवधनी की बीते रविवार को रास्ते के विवाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक, सुबह छह बजे ही भारी पुलिस बल घरों पर तैनात कर दिया गया था। किसी को भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने इसे सरकार की तानाशाही और लोकतंत्र की हत्या करार दिया। कार्यकर्ताओं में इसे लेकर भारी रोष है।

ये नेता किए गए हाउस अरेस्ट

हाउस अरेस्ट किए गए कांग्रेस नेताओं में गोरखपुर अध्यक्ष,निर्मला पासवान, चौरी चौरा विधानसभा क्षेत्र से पूर्व प्रत्याशी रहे जितेंद्र पांडेय, सहजनवां से पूर्व प्रत्याशी रह चुके मनोज यादव, महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष सोनिया शुक्ला, महिला कांग्रेस चौरी चौरा से संबद्ध स्नेहलता गौतम, खजनी विधानसभा की रजनी देवी, महिला कांग्रेस गोरखपुर की शबिहा आदि शामिल हैं।

सरकार पर लगाया तानाशाही का आरोप

कांग्रेस नेताओं ने सरकार पर तीखा हमला बोलते सरकार के इस कदम को पूरी तरह से अलोकतांत्रिक करार दिया। गोरखपुर जिला अध्यक्ष निर्मला पासवान ने कहा, “तानाशाही सरकार लोगों की आवाज को कुचलने का प्रयास कर रही है। पुलिस के सहारे आंदोलन को रोकने की कोशिश की जा रही है, लेकिन कांग्रेस इस दमनकारी रवैये के खिलाफ मजबूती से खड़ी रहेगी।” महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष सोनिया शुक्ला ने कहा कि “सरकार जनता के हक और न्याय के लिए उठने वाली हर आवाज को दबा देना चाहती है। कांग्रेस कार्यकर्ता इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे और जनता के साथ मिलकर इसका जवाब देंगे

कांग्रेस नेताओं ने जनता से इस तानाशाही रवैये का विरोध करने की अपील करते हुए कहा किलोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में सरकार की “हिटलरशाही” नीतियों का करारा जवाब दिया जाएगा।

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