नई दिल्ली : भोजपुरी भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए रविवार को भोजपुरी जन जागरण अभियान का 23वां धरना-प्रदर्शन पूरा हुआ। दिल्ली के जंतर-मंतर पर आयोजित इस धरने के समापन के तत्पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह के नाम मांग पत्र सौंपा गया। धरना की शुरुआत हाल ही में दिवंगत हुई बिहार कोकिला पद्मभूषण शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि देकर की गई।
गौरतलब है कि पुरवैया द्वारा संचालित भोजपुरी जन जागरण अभियान वर्ष 2015 से ही निरंतर भोजपुरी भाषा को भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने के लिए देशव्यापी अभियान चला रहा है। संगठन के अध्यक्ष डॉ. संतोष पटेल के नेतृत्व में इससे पहले 22 बार धरना प्रदर्शन कर सरकार से संवैधानिक दर्जा देने की निरंतर मांग की गई, लेकिन सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन ही मिलता रहा है।
सदन में सवाल उठाने की रहेगी कोशिश: सांसद मनोज कुमार
जंतर-मंतर पर आयोजित 23वें धरना की अध्यक्षता पूर्व सांसद महाबल मिश्रा ने की। वहीं, सासाराम के सांसद मनोज कुमार ने कहा कि हम भोजपुरी और इस जन जागरण अभियान के उद्देश्य के साथ हैं। विपक्ष में होने के बावजूद मेरी कोशिश होगी कि सदन में सवाल उठाऊं। महाबल मिश्रा ने कहा कि पूर्वांचल के लोग हमेशा संघर्षशील रहे हैं। भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता सरकार को देना ही होगा। मैं सदन में नहीं हूं, लेकिन हरसंभव प्रयास करूंगा कि सरकार इसे जल्द संविधान में शामिल करे। वहीं, वरिष्ठ रंगकर्मी महेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि भोजपुरी हम सबकी मातृभाषा है, जिसके सम्मान में वर्षों से हम सब संवैधानिक दर्जा की मांग करते आ रहे हैं। जदयू के पूर्व एमएलसी रामेश्वर महतो ने भी भोजपुरी को भारतीय संविधान में शीघ्र शामिल किए जाने की बात की।
धरने का संचालन करते हुए संगठन अध्यक्ष डॉ. संतोष पटेल ने कहा कि सरकार हर बार आश्वासन तो देती है पर भोजपुरी को संवैधानिक दर्जा नहीं देती है। हम सभी सरकार से आश लगाकर बैठे हैं और जब तक भोजपुरी को संवैधानिक मान्यता नहीं मिल जाती, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। इस दौरान डॉ. मनोज कुमार, डॉ. पुष्कर, धनंजय कुमार सिंह, नागेंद्र सिंह पटेल, रामेश्वर महतो कुशवाहा, रितेश सिंह राणा, विजय लक्ष्मी उपाध्याय, अंजली शिवाय, लोकगायिका सोनी चौहान, एडवोकेट आर्यन, धर्मेंद्र साह, सीके भट्ट, संतोष यादव, शालिनी कपूर समेत सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
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