दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को केंद्र को आदेश दिया कि वह 1995 में पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के मामले में मौत की सजा पाए बलवंत सिंह राजोआना की क्षमा याचिका पर 18 मार्च तक निर्णय ले। न्यायमूर्ति बीआर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि यह उनका अंतिम अवसर है, और यदि केंद्र निर्णय नहीं लेता है, तो न्यायालय गुण-दोष के आधार पर सुनवाई करेगा।
29 साल तक की काटी है सजा
राजोआना की याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि राजोआना ने 29 साल से अधिक समय तक जेल में सजा काटी है और उन्होंने क्षमा याचिका में ‘अत्यधिक देरी’ होने का हवाला दिया। वकील ने दलील दी कि राजोआना ने 17 वर्ष मौत की सजा की अवधि के रूप में काटे हैं और उनके खिलाफ विचाराधीन क्षमा याचिका पर निर्णय लिया जाना चाहिए।
सीएम की हत्या का है मामला
केंद्र ने यह भी कहा कि यह मामला एक तत्कालीन मुख्यमंत्री की हत्या से संबंधित है, इसलिए इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। उच्चतम न्यायालय ने पहले राजोआना की सजा को बदलने से इनकार किया था, लेकिन सक्षम प्राधिकारी को उसकी क्षमा याचिका पर विचार करने का आदेश दिया था।
1995 में हुई थी सीएम बेअंत सिंह की हत्या
1995 में पंजाब के चंडीगढ़ स्थित सिविल सचिवालय के प्रवेश द्वार पर हुए धमाके में बेअंत सिंह और 16 अन्य लोग मारे गए थे। राजोआना को 2007 में विशेष अदालत से मौत की सजा मिली थी। अब उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह 18 मार्च तक इस मामले पर निर्णय ले।