सेंट्रल डेस्क : पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आपातकाल पर आधारित फिल्म इमरजेंसी पर अब देश के बाद विदेश में भी विवाद हो रहा है। बॉलीवुड एक्ट्रेस Kangana Ranaut की फिल्म Emergency को लेकर लंदन में प्रदर्शन हुआ। लंदन के थिएटर में कुछ चरमपंथियों ने घुसकर फिल्म की स्क्रीनिंग रुकवाने की कोशिश की। इस घटना के बाद ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी के सांसद ने हमले की निंदा की है।
खबरों के अनुसार, कंजरवेटिव पार्टी के एक सांसद ने ब्रिटेन के गृह सचिव से इस मामले में दखल देने का आग्रह किया है। बॉब ब्लैकमैन नाम के सांसद ने ब्रिटेन की पार्लियामेंट (हाउस ऑफ कॉमन्स) को बताया कि फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान घुसपैठ की खबर वॉल्वरहैम्प्टन, बर्मिंघम, स्लो, स्टेन्स और मैनचेस्टर जैसे शहरों से आई थीं। इस विरोध के बाद से व्यू और सिने वर्ल्ड सिनेमा चेन ने देश के कई सिनेमाघरों से फिल्म को हटाने का फैसला लिया है। इस बाबत उन्होंने X पर जानकारी भी शेयर की है।
क्या कहा बॉब ब्लैकमैन ने
ब्रिटेन की संसद में ब्लैकमैन ने कहा कि मेरे इलाके के कुछ लोग 19 जनवरी (संडे) को हैरो व्यू सिनेमा में ‘इमरजेंसी’ फिल्म देखने पहुंचे थे। फिल्म शुरू होने के करीब 30 से 40 मिनट बाद मास्क लगाए कुछ खालिस्तानी आतंकवादी सिनेमा हॉल में घुस आए। फिल्म देख रहे लोगों को डराया-धमकाया और फिल्म रुकवा दी। फिल्म विवादास्पद है. मैं इसकी क्वालिटी और इसमें दिखाई गई चीज़ों पर कॉमेंट नहीं कर रहा हूं, लेकिन लोगों के फिल्म देखने के अधिकार का बचाव करता हूं।
प्रदर्शन करना ठीक है, लेकिन फिल्म रोकना सही नहीं है
हैरो ईस्ट (Harrow East) से कंजरवेटिव पार्टी के सांसद ने कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि यह फिल्म ‘सिख विरोधी’ है। लेकिन इसकी वजह से लोगों के फैसले लेने के अधिकार पर चोट नहीं कर सकते। ऐसे गुंडों से डरना नहीं चाहिए, जो पब्लिक में फिल्म देखने के लोकतांत्रिक हकों में रोड़ा अटकाते हों। फिल्म को सेंसर बोर्ड की तरफ से पारित किया गया है, इसलिए लोगों को अधिकार है कि वे शांति के साथ फिल्म देख सकें। मैं सिनेमाघर के बाहर प्रदर्शन करने वालों का समर्थन करता हूं, लेकिन फिल्म रोक देने का समर्थन नहीं किया जा सकता।
फिल्म देखना, लोगों की आजादी
पार्लियामेंट में सदन की नेता लूसी पॉवेल ने लेबर पार्टी सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि ब्लैकमैन ने स्वतंत्र अभिव्यक्ति और शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने के अधिकार के बीच संबंध के बारे में एक बहुत ही अहम मामला उठाया है। लोगों को जो मन चाहे, करने की पूरी आज़ादी है, फिर चाहे वह फिल्म देखना ही क्यों न हो। उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर कार्रवाई होगी।
गौरतलब है कि ब्रिटेन के सिनेमाघरों में इमरजेंसी फिल्म को 17 जनवरी को रिलीज किया गया था। इस फिल्म के संबंध में सिख प्रेस एसोसिएशन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा था कि वे फिल्म को ‘सिख विरोधी’ मानते हैं। इस तरह के विरोधों की वजह से इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स में बर्मिंघम और वॉल्वरहैम्प्टन में फिल्म की स्क्रीनिंग रुकवा दी गई थी।