सेंट्रल डेस्क : अमेरिका में बुधवार, 29 जनवरी 2025, को हुए बड़े हादसे में कोई नहीं बचा। अब तक नदी से 28 शव बरामद किए जा चुके हैं। यात्री विमान में 64 लोग सवार थे। जबकि सैनिक हेलीकॉप्टर में तीन लोग थे। वॉशिंगटन डीसी के रोनाल्ड रीगन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास लैंडिंग के दौरान एक यात्री विमान सेना के हेलीकॉप्टर से टकरा गया था। इस भीषण दुर्घटना में किसी के भी जीवित बचने की संभावना नहीं है। अधिकारियों ने गुरुवार तक नदी से 28 शव बरामद किए हैं।
300 से अधिक बचाव कर्मियों की तैनाती
वॉशिंगटन डीसी के अधिकारी जॉन ए. डोनेली सीनियर ने बताया कि विमान से 27 शव और सेना के हेलीकॉप्टर से एक शव बरामद किया गया है। उन्होंने कहा, “जैसे ही हमें दुर्घटना की जानकारी मिली, 300 से ज्यादा बचाव दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और ठंड और तेज़ हवाओं के बीच खोज और बचाव अभियान शुरू किया।”यात्री और क्रू मेंबर्स की संख्याद वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, अमेरिकी एयरलाइंस का विमान 60 यात्रियों और 4 क्रू मेंबर्स के साथ विचिटा से रवाना हुआ था। वहीं, सेना के हेलीकॉप्टर में 3 जवान सवार थे। इस दुर्घटना में विमान और हेलीकॉप्टर दोनों में मौजूद सभी व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
नहीं पता चल पाया दुर्घटना का कारण
अभी तक इस दुर्घटना का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है। अधिकारी इस हादसे की जांच कर रहे हैं। अमेरिकी एयरलाइंस के सीईओ रॉबर्ट इसोम ने बयान जारी कर कहा कि यह घटना बेहद दुखद है और कंपनी मृतकों के परिवारों के साथ पूरी संवेदनाएं व्यक्त करती है। उन्होंने परिवारों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। सीईओ रॉबर्ट इसोम ने कहा, “हम मरने वाले यात्रियों, क्रू मेंबर्स और सेना के जवानों के परिवारों की हर संभव सहायता करेंगे। इस कठिन समय में हम उनके साथ खड़े हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि दुर्घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
नदी में चला बचाव अभियान
हादसे के बाद सेना और स्थानीय बचाव दल ने पोटोमैक नदी में रातभर अभियान चलाया। गुरुवार तक किसी भी जीवित व्यक्ति का पता नहीं चल पाया। हादसे के समय बर्फीली हवाएं और नदी की तेज़ धाराएं बचाव कार्य में सबसे बड़ी बाधा बनीं।
अमेरिकी इतिहास की एक और दर्दनाक घटना
यह दुर्घटना अमेरिकी एविएशन इतिहास की एक और दर्दनाक घटना के रूप में दर्ज हो गई है। हादसे में शामिल सभी यात्रियों और सेना के जवानों को खोने का गम न केवल उनके परिवारों बल्कि पूरे देश के लिए भारी है।