बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने रिश्तों की संवेदनशीलता और सामाजिक मूल्यों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र की रहने वाली आयशा खातून ने अपने शादीशुदा जीवन से तंग आकर अपने हिंदू क्लासमेट बिकेश कुमार पासवान से शादी कर ली। इस फैसले से उसके पति शहजाद को गहरा झटका लगा, जो अब पत्नी को वापस पाने के लिए दर-दर भटक रहा है।
मामला बेगूसराय के सदर अस्पताल में तब चर्चा का विषय बन गया, जब शहजाद जमीन पर लोट-लोटकर अपनी बीवी को वापस बुलाने की गुहार लगाने लगा। उसकी आंखों से आंसू रुक नहीं रहे थे और वह बार-बार कहता रहा – “मुझे मेरी बीवी चाहिए।”
‘अब मैं उसके साथ नहीं जाऊंगी’
वहीं दूसरी ओर आयशा ने साफ शब्दों में कहा कि वह अपने पति के पास कभी नहीं लौटेगी। उसका आरोप है कि शहजाद उसे नशे की हालत में प्रताड़ित करता था, शारीरिक हिंसा करता था और यहां तक कि नशीली दवाएं देकर उसके साथ गलत हरकतें करता था।
आयशा और शहजाद की शादी 2020 में हुई थी, लेकिन शादी के बाद ही दोनों के बीच अनबन शुरू हो गई थी। आपसी झगड़े और तनाव इस कदर बढ़ गए कि दोनों के रिश्ते में संवाद भी खत्म हो गया।
क्लासमेट से बढ़ी नजदीकियां
इसी दौरान आयशा की मुलाकात अपने स्कूल के पुराने साथी बिकेश कुमार से हुई। दोनों ने एक-दूसरे के दुख साझा किए और यही बातचीत धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। जब शहजाद को इस रिश्ते की भनक लगी तो उसने आयशा पर और भी ज्यादा जुल्म ढाने शुरू कर दिए।
स्थिति बिगड़ती देख शहजाद पत्नी को दिल्ली ले गया, लेकिन वहां भी हालात नहीं बदले। आयशा का कहना है कि शहजाद ने उसे झूठे सपने दिखाए थे – दिल्ली में घर और ज़मीन होने की बात कही थी, जो बाद में झूठ साबित हुई।
आखिर में पुराने प्यार से की शादी
शादीशुदा जीवन से पूरी तरह टूट चुकी आयशा ने अंततः बिकेश से विवाह कर लिया और अब वह उसी के साथ रहने का निर्णय ले चुकी है। हालांकि शहजाद उसे अब भी वापस पाना चाहता है और समाज के सामने गिड़गिड़ा रहा है।
यह मामला समाज में रिश्तों की जटिलता और महिलाओं के आत्मनिर्णय के बढ़ते साहस का उदाहरण बनकर सामने आया है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन इस मामले की जांच में जुटे हैं।