राजधानी दिल्ली में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से दिल्ली पुलिस ने एक स्थायी आदेश जारी किया है। इसके तहत अब कहीं भी लाउडस्पीकर या पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग करने से पहले संबंधित पुलिस थाने से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया गया है। यह आदेश शोर प्रदूषण (नियमन और नियंत्रण) नियमों के तहत लागू किया गया है, जिसमें ध्वनि स्तर और उपयोग के समय को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं।
रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बंद
पुलिस के आदेश के अनुसार, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर, ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरण, साउंड एम्पलीफायर और संगीतमय वाद्ययंत्रों का प्रयोग सिर्फ बंद परिसरों जैसे ऑडिटोरियम, कॉन्फ्रेंस रूम, सामुदायिक हॉल और बैंक्वेट हॉल में ही किया जा सकेगा।
सार्वजनिक आपातकाल की स्थिति को छोड़कर किसी भी सार्वजनिक स्थान पर इन उपकरणों का उपयोग बिना पूर्व अनुमति के पूरी तरह से निषिद्ध होगा।
टेंट हाउस भी आए निगरानी में
अब टेंट हाउस और जनरेटर आपूर्तिकर्ता भी बिना स्थानीय पुलिस की लिखित अनुमति के कोई ध्वनि उपकरण किराए पर नहीं दे पाएंगे।
दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया है कि सभी जिला उपायुक्त (डीसीपी) इस आदेश को सख्ती से लागू करेंगे, और यदि कोई आपूर्तिकर्ता नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
ध्वनि स्तर की तय सीमा: क्षेत्रवार मानक लागू
दिल्ली पुलिस के नए आदेश में ध्वनि स्तर की अधिकतम सीमा भी निर्धारित की गई है:
- औद्योगिक क्षेत्र:
- दिन (6 बजे से 10 बजे तक): 75 डेसिबल (ए)
- रात (10 बजे से 6 बजे तक): 70 डेसिबल (ए)
- आवासीय क्षेत्र:
- दिन: 55 डेसिबल (ए)
- रात: 45 डेसिबल (ए)
- साइलेंस जोन (अस्पताल, स्कूल, न्यायालयों के 100 मीटर के भीतर):
- दिन: 50 डेसिबल (ए)
- रात: 40 डेसिबल (ए)
लाउडस्पीकर से उत्पन्न ध्वनि, सार्वजनिक स्थान की सीमा पर सामान्य ध्वनि स्तर से 10 डेसिबल (ए) अधिक या 75 डेसिबल (ए) से कम – जो भी कम हो – तक ही सीमित होनी चाहिए।
वहीं, निजी ध्वनि प्रणालियों के लिए यह सीमा 5 डेसिबल (ए) अधिक तक अनुमन्य होगी।
उल्लंघन पर भारी जुर्माना और उपकरण जब्ती
दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया है कि नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी:
- लाउडस्पीकर या पब्लिक एड्रेस सिस्टम के अनुचित उपयोग पर:
- 10,000 रुपये का जुर्माना